अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के चौकीदार

निर्मल विश्वकर्मा चन्देरी, चंदेरी. एक और जहां पूरे राष्ट्र में चौकीदार बनाने की मुहिम राष्ट्रीय पार्टियों द्वारा चलाई जा रही है जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं इस बात को स्वीकार करते हैं कि मैं स्वयं चौकीदार हूं किंतु जहां एक और मोदी चौकीदार बनाने की बात करते हैं वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार द्वारा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग भोपाल मंडल के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी जोकि राष्ट्रीय संरक्षित स्मारकों की चौकीदारी करने हेतु नियुक्त किए गए थे को 1 अप्रैल 2019 से बेरोजगार कर दिया गया है। और उन्हें अस्थाई रूप से अपने कार्य से भी पृथक कर दिया गया है जिस कारण चंदेरी उपमंडल के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग भोपाल मंडल के अंतर्गत लगभग 600 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी जोकि विगत 15 से 20 वर्षों से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीनस्थ राष्ट्रीय संरक्षित स्मारकों के रखरखाव एवं सुरक्षा हेतु दैनिक वेतन पर कार्यरत थे जिनमें 62 कर्मचारी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण मंडल भोपाल उपमंडल चंदेरी के अधीनस्थ राष्ट्रीय संरक्षित स्मारकों की चौकीदारी पर नियुक्त थे जिन्हें 31 मार्च 2019 को बिना कारण बताए अपने कार्य से मुक्त कर दिया गया है जिस कारण दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी जोकि चौकीदार के रूप में अपनी भूमिका निभाते थे और राज्य द्वारा प्राप्त राशि से अपने परिवार का पालन पोषण भी करते थे किंतु केंद्र सरकार द्वारा आकस्मिक रूप से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग मंडल भोपाल के दैनिक वेतन भोगियों को अपने कार्य से मुक्त कर देने के कारण वे आर्थिक तंगी के दौर से तो गुजर ही रहे थे साथ ही वर्तमान में बेरोजगारी का शिकार भी हो गए हैं

ज्ञात हो कि केंद्र सरकार द्वारा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को विगत 5 माह से वेतन नहीं मिला है जिस कारण परिवार आर्थिक तंगी का शिकार है यदि हम दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की बात माने तो उनके द्वारा बताया गया है कि पूर्व में भी हमें विभाग द्वारा कई माह तक वेतन प्राप्त नहीं हो पाता था किंतु कुछ समय पश्चात पूरा वेतन हमें मिल जाता था लेकिन हमें अपने कार्य से मुक्त आज तक नहीं किया गया था और 31 मार्च 2019 को विभाग द्वारा हमें अपने कार्य से मुक्त कर देने के कारण हमारा भविष्य संकट में नजर आ रहा है जिस कारण  भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण मंडल भोपाल उपमंडल चंदेरी के समस्त दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं।।
 
*आगामी लोकसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार करने की दी चेतावनी*
चंदेरी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों द्वारा आगामी लोकसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार करने की चेतावनी भी दी गई है उन्होंने बताया है कि हमारे साथ लगभग 600 परिवार जुड़े हुए हैं और यदि हमारी समस्या का स्थाई निराकरण नहीं किया गया तो हम आगामी लोकसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार भी करेंगे और हमारी हड़ताल जब तक जारी रहेगी तब तक हमारी समस्या का  स्थाई समाधान नहीं कर दिया जाता है।।

*12 स्थाई कर्मचारियों के भरोसे 23 राष्ट्रीय संरक्षित स्मारकों की जिम्मेदारी*
चंदेरी उपमंडल अधिकारी कुल विभाग में 12 स्थाई कर्मचारी हैं जबकि चंदेरी उपमंडल अंतर्गत रन्नौद, कदवाया, थूबोन, चंदेरी, बूढ़ी चंदेरी आदि स्थानों पर राष्ट्रीय संरक्षित स्मारक मौजूद है। जिन के रखरखाव एवं संरक्षण पर पूर्व में केंद्र सरकार द्वारा करोड़ों रुपए खर्च कर दिए गए हैं जिस कारण आज वह स्मारक अपने अतीत की दास्तां बयान करते नजर आते हैं किंतु वर्तमान में जो दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी विभाग द्वारा आकस्मिक रूप से बिना कारण बताए हटा दिए गए हैं तब सवाल यह उठता है कि राष्ट्रीय संरक्षित स्मारकों पर अब क्या सुरक्षा के इंतजाम विभाग द्वारा किए गए हैं और यदि सुरक्षा एवं संरक्षण के अभाव में किसी प्रकार की क्षति राष्ट्रीय संरक्षित स्मारकों को पहुंचती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा।।

*इनका कहना है*

1- *यह एक प्रक्रिया है जो 31 मार्च गत वित्तीय वर्ष में समाप्त हो चुकी है नये वित्तीये वर्ष हेतु नवीन प्राक्कलन तैयार कर आवेदन किए जा रहे हैं। महानिदेशालय दिल्ली से स्वीकृति आने के पश्चात इन की समस्या का निराकरण किया जाएगा इस प्रक्रिया में लगभग 10 से 15 दिन का समय लग सकता है*
*भुवन विक्रम* *अधीक्षक पुरातत्व विद भोपाल*

2- बजट अभाव के कारण विभाग द्वारा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को हटाया गया है नवीन वित्तीय वर्ष में बजट स्वीकृति पश्चात इनकी व्यवस्था की जा सकेगी।।
*श्याम मुरारी सक्सेना* *कनिष्ठ संरक्षण सहायक अधिकारीभारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग चंदेरी*

 

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