Ganesh_Chaturthi 2022: जानिए... हिंदू कैलेंडर के हिसाब से गणेश चतुर्थी कब है ?

Ganesh Chaturthi kab hai: गणेश चतुर्थी 2022 / हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश जी की पूजा होती है। गणेश भगवान बुद्धि, धन और भाग्य के देवता माने जाते है। इनकी पूजा करने से सभी मनोरथ पूरे होते है और घर में सुख-समृद्धि बना रहता है। हिंदू कैलेंडर के हिसाब से भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी को मंगलमूर्ति गणेश जी की गणेश चतुर्थी यानी बर्थडे मनाया जाता है। भगवान गणेश जी को गणपति देव भी कहा जाता है। गण + पति = गणपति। संस्कृत शब्दार्थ के अनुसार गण का अर्थ पवित्रक और पति का अर्थ स्वामी होता है। ‘गणपति’ अर्थात पवित्रकों के स्वामी। इस बार 12 अगस्त 2022 से भाद्र मास प्रारंभ हो गया है, जो 10 सितंबर 2022 तक चलेगा। 

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गणेश चतुर्थी कब है ?

हिंदू सनातन धर्म के पंचाग के अनुसार Ganesh_Chaturthi 2022 गणेश चतुर्थी 2022 में, इस बार Ganesha birthday date - 30 अगस्त 2022 को दोपहर 3:33 बजे से चतुर्थी का शुभ मुहूर्त प्रारंभ होता है और 31 अगस्त 2022 को दोपहर 3:22 बजे चतुर्थी तिथि समाप्त हो रही है। 31 अगस्त, 2022 की सुबह गणेश चतुर्थी व्रत पूजन आदि के लिए शुभ माना गया है। गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी की स्थापना करके, 31 अगस्त की सुबह स्नान करके भगवान गणेश जी पूजा करके व्रत इत्यादि का संकल्प रख सकते हैं। गणेश जी को दूब घास बहुत पसंद है। कहा जाता है कि सच्चे मन से भगवान गणेश जी की आरती, भोग से गणेश भगवान को प्रसन्न किया जा सकता है। 10 दिन बाद की पूजा अर्चना के बाद स्थापित Lord Ganesha गणेश जी मूर्ति नदी/तालाब में विसर्जित की जाती है। इस बार 09 सितंबर 2022, शुक्रवार को गणेश विसर्जन होगा।

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सुख-समृद्धि और शुभ-लाभ के देव गणेश

Ganpati 2022 गणेश चतुर्थी का त्योहार किसी भी शुभ काम को करने का प्रतीक है। नई शुरुआत से पहले भगवान गणेश की पूजा जरूरी है। उनका आशीर्वाद आगे बढ़ने और सफल होने के लिए शक्ति और ज्ञान प्रदान करता है। और अगर कोई बाधा आ रही होती है तो भगवान गणेश जी उसे निर्विघ्न दूर कर देते हैं।  गणेश चतुर्थी आमतौर पर 10 दिनों का त्योहार होता है। भाद्रपद शुक्ल पक्ष के चौदहवें दिन अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश चतुर्थी पर्व का समापन होता है। भारत देश में भगवान गणेश जी को अलग-अगल नामों से जाना जाता है। उत्तर भारत में गणेश चतुर्थी लोकप्रिय है, महाराष्ट्र में इस त्योहार को गणेशोत्सव के रूप में भी जाना जाता है। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में, विनायक और तमिलनाडु में विनायक चतुर्थी / गणेश चतुर्थी से जाना जाता है। देशभर में गणेश उत्साह खूब धूम धाम से मनाया जाता है।

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गणेश चतुर्थी क्यों मनाया जाता है ?

पौराणिक कथा के अनुसार माता पार्वती ने चंदन से गणेशजी की रचना की थी और गणेश जी को इतनी शक्ति दी थी कि वे किसी भी युद्ध में विजय पा सकते है। उन्हें कोई भी परास्त नहीं कर सकता था। लेकिन एक बार देवताओं के बीच युद्ध छिड़ गया। इस युद्ध में भगवान शिव जी भी शामिल थे। शिव जी का त्रशूल गलती से गणेश जी के सिर पर लग गया। ये जानकर माता पार्वती क्रोधित हो गयी। भगवान शिव ने माता के क्रोध को शांत करने के लिए देवताओं के साथ मिलकर गणेश की सूंड पर हाथी के बच्चे का सिर रख दिया। तभी हाथी के सिर से भगवान गणेश जी पुनः रचना हुई। ये दिन गणेश चतुर्थी का दिन था। तभी से भगवान शिव ने घोषणा की कि गणेश एकमात्र देवता होंगे जिनकी पूजा किसी भी अन्य भगवान से पहले की जाएगी। 

 

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