भ्रष्टाचार के खिलाफ फिर सरकार सख्त, 15 अधिकारियों को किया रिटायर

मोदी सरकार ने एक बार फिर भ्रष्ट अधिकारियों पर अपना चाबुक चलाया है. भारत सरकार ने 15 वरिष्ठ अधिकारियों को अनिवार्य रूप से  रिटायरमेंट दे दिया है. ये 15 वरिष्ठ अधिकारी मुख्य अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के प्रधान आयुक्त, आयुक्त, और उपायुक्त के रैंक के हैं. इन अधिकारियों को  ऑर्टिकिल 56 के तहत  रिटायरमेंट दिया गया है

इससे पहले भी केंद्र सरकार भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई कर चुकी है. इससे पहले केंद्र सरकार ने जबरन वसूली, रिश्वत और यौन उत्पीड़न के आरोप में करीब एक दर्जन कर (टैक्स) अधिकारियों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त कर दिया था. अनिवार्य सेवानिवृत्ति की गाज करीब 12 वरिष्ठ अधिकारियों पर गिरी थी जिनमें आयकर विभाग के मुख्य आयुक्त, प्रधान आयुक्त और आयुक्त रैंक के अधिकारी शामिल थे. इन अधिकारियों में आयकर विभाग के संयुक्त आयुक्त और प्रवर्तन निदेशालय के पूर्व उप निदेशक अशोक अग्रवाल, आयुक्त (अपील नोएडा) एस.के. श्रीवास्तव, 1985 बैच के आईआरएस अधिकारी होमी राजवंश, ए.बी.बी. राजेंद्र प्रसाद, अजय कुमार सिंह, ए. बी. अरुलप्पा रविंद्र, श्वेताभ सुमन, राम कुमार भार्गव और विवेक बत्रा शामिल थे.

बता दें, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने ऐसे अधिकारियों की सूची बनाई है जिनकी उम्र 50 साल से अधिक है और वो अपने काम के मुताबिक काम नहीं कर पा रहे हैं उन्हें केंद्र सरकार नियम 56 के तहत सेवानिवृत्त किया जा रहा है इससे पहले भी कई वरिष्ठ अधिकारियों को ऑर्टिकिल 56 के तहत सेवानिवृत्त किया गया है. मोदी सरकार ने इससे पहले अपने पहले कार्यकाल में ही ऐसे अधिकारियों के काम के आधार का मूल्यांकन कर चुकी थी.

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