Wednesday, December 25, 2024
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Homeव्यापारपीएनबी ने पीएसीएफ पर हस्ताक्षर कर जलवायु उत्तरदायित्व को मजबूत किया

पीएनबी ने पीएसीएफ पर हस्ताक्षर कर जलवायु उत्तरदायित्व को मजबूत किया

नई दिल्ली : पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), देश के प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, ने पार्टनरशिप फॉर कार्बन अकाउंटिंग फाइनैंशियल्स (पीएसीएफ) पर हस्ताक्षर कर अपने सस्टेनेबिलिटी एजेंडा को और मजबूत किया है। यह कदम बैंक की ऋण और निवेश गतिविधियों से जुड़े ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन को मापने, पारदर्शिता बढ़ाने और सक्रिय जलवायु कार्रवाई सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

जलवायु उत्तरदायित्व में नेतृत्व का प्रदर्शन

पीएनबी ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में अपनी बिजनेस रिस्पॉंसिबिलिटी एंड सस्टेनेबिलिटी रिपोर्ट (बीआरएसआर) में पीएसीएफ के मानकों का उपयोग करते हुए वित्तपोषित उत्सर्जन का खुलासा किया। यह पहल भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित 2027-28 की समय सीमा से पहले की गई, जिसमें स्कोप 1, स्कोप 2 और स्कोप 3 उत्सर्जन का खुलासा करना अनिवार्य है।

इस अग्रणी कदम से पीएनबी ने यह साबित किया है कि वह पर्यावरणीय प्रभाव को समझने और कम करने के प्रति पहले ही सक्रिय हो चुका है।

पीएसीएफ से जुड़ाव के फायदे

पीएसीएफ हस्ताक्षरकर्ता के रूप में, पीएनबी अब उन अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों के नेटवर्क का हिस्सा बन गया है जो जलवायु परिवर्तन का सामना करने के लिए मजबूत जीएचजी लेखांकन प्रथाओं को लागू कर रहे हैं। इस साझेदारी से पीएनबी को निम्नलिखित लाभ मिलेंगे:

  • तकनीकी सहायता: उत्सर्जन मापन और प्रबंधन में विशेषज्ञता।
  • उद्योग प्रशिक्षण: जलवायु अनुकूल समाधानों को लागू करने के लिए विशेष कार्यशालाओं का आयोजन।
  • भारत-अनुकूल डेटा: देश के उत्सर्जन पर विशेष अंतर्दृष्टि।
  • वैश्विक भागीदारी: जीएचजी लेखा मानकों को परिष्कृत करने के लिए कार्य समूहों में भागीदारी।
  • ज्ञान-साझा मंच: कार्यशालाओं और वेबिनारों के जरिए सहकर्मी से सहकर्मी तक जानकारी साझा करना।

सस्टेनेबल बैंकिंग में अग्रणी पीएनबी

इस रणनीतिक पहल के माध्यम से पीएनबी ने अपने पर्यावरणीय जिम्मेदारी को मुख्य व्यावसायिक रणनीति के साथ जोड़ा है। यह कदम पीएनबी की सस्टेनेबल बैंकिंग में अग्रणी स्थिति को और मजबूत करता है।

पीएनबी का यह प्रयास न केवल जलवायु परिवर्तन के खिलाफ सार्थक योगदान है, बल्कि भारतीय वित्तीय प्रणाली को स्थिरता की दिशा में प्रेरित करने का भी एक महत्वपूर्ण उदाहरण प्रस्तुत करता है।

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