नई दिल्ली : पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) के प्रधान कार्यालय में दिल्ली बैंक नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास) की 61वीं छमाही बैठक और वार्षिक समारोह का आयोजन भव्यता के साथ संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग की सचिव सुश्री अंशुली आर्या, आई.ए.एस. ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। समारोह में पीएनबी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री अतुल कुमार गोयल, कार्यपालक निदेशक श्री बिनोद कुमार और श्री बी. पी. महापात्र समेत विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
समारोह की प्रमुख झलकियां
प्रथम सत्र:
कार्यक्रम की शुरुआत पीएनबी के कार्यपालक निदेशक श्री बिनोद कुमार के स्वागत भाषण से हुई। इसके बाद, दिल्ली बैंक नराकास की गृह पत्रिका का विमोचन किया गया और नराकास शील्ड प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।
मुख्य अतिथि सुश्री अंशुली आर्या ने अपने संबोधन में हिंदी के प्रचार-प्रसार पर बल देते हुए कहा, “राजभाषा हिंदी केवल भाषा नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है। इसे बढ़ावा देने के लिए सभी संस्थानों को एकजुट होकर कार्य करना होगा। नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियां इस दिशा में शानदार काम कर रही हैं।”
पीएनबी के प्रबंध निदेशक श्री अतुल कुमार गोयल ने दिल्ली बैंक नराकास की टीम को द्वितीय पुरस्कार प्राप्त करने पर बधाई देते हुए कहा, “हिंदी हमारी सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है। हमें इसे प्रशासनिक कार्यों में और अधिक बढ़ावा देने का प्रयास करना चाहिए।”
कार्यक्रम का प्रथम सत्र पीएनबी के कार्यपालक निदेशक श्री बी. पी. महापात्र द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ संपन्न हुआ।
द्वितीय सत्र:
दूसरे सत्र में, दिल्ली बैंक नराकास के अध्यक्ष और पीएनबी के मुख्य महाप्रबंधक श्री प्रवीन गोयल ने संबोधित किया। उन्होंने दिल्ली बैंक नराकास को द्वितीय पुरस्कार मिलने पर सभी सदस्य कार्यालयों को बधाई दी और अगले वर्ष प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने के लिए मिलजुल कर नवाचार करने का आह्वान किया।
नराकास की सदस्य सचिव श्रीमती मनीषा शर्मा ने सदस्य कार्यालयों की विस्तृत समीक्षा पेश की। इस अवसर पर गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग के सहायक निदेशक श्री नरेन्द्र सिंह मेहरा और पीएनबी के महाप्रबंधक (राजभाषा) श्री देवार्चन साहू ने भी मार्गदर्शन प्रदान किया।
समारोह का मंच संचालन और समापन
कार्यक्रम का संचालन श्री आशीष शर्मा और श्री विष्णुकांत शर्मा ने कुशलता से किया। इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने हिंदी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और इसे बढ़ावा देने के लिए ठोस प्रयास जारी रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।
इस वार्षिक समारोह ने राजभाषा हिंदी के महत्व को रेखांकित करते हुए एक सकारात्मक और प्रेरणादायक संदेश दिया।