नई दिल्ली : भारत में ई-कॉमर्स के विकास में महिलाएं अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। होम क्रेडिट इंडिया की ‘हाउ इंडिया बारोज 2024 – ए स्टडी’ के अनुसार, 60% महिलाएं सक्रिय रूप से ऑनलाइन खरीदारी कर रही हैं, जो पुरुषों की तुलना में अधिक है। यह प्रवृत्ति डिजिटल कॉमर्स को तेज गति से अपनाने और एम्बेडेड फाइनेंस सॉल्यूशंस के बढ़ते उपयोग को दर्शाती है, जिससे खरीदारी और ऋण लेने की प्रक्रिया अधिक सुगम हो रही है।
ऑनलाइन शॉपिंग का बढ़ता प्रभाव
अध्ययन से पता चला है कि ऑनलाइन शॉपिंग 2021 में 69% तक बढ़ी, 2023 में 48% तक गिर गई, लेकिन 2024 में फिर से 53% तक उछाल देखी गई। इन-स्टोर शॉपिंग की वापसी के बावजूद, डिजिटल कॉमर्स का दबदबा बना हुआ है, खासकर महिलाओं और युवा उपभोक्ताओं के कारण।
होम क्रेडिट इंडिया के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर, आशीष तिवारी ने कहा, “डिजिटल शॉपिंग परिदृश्य को महिलाएं नई परिभाषा दे रही हैं। वे न केवल ऑनलाइन शॉपिंग को तेजी से अपना रही हैं, बल्कि एम्बेडेड फाइनेंस में बदलाव लाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। हमारी स्टडी से पता चलता है कि महिलाएं आत्मविश्वास के साथ डिजिटल टूल्स का उपयोग कर रही हैं और एआई-चालित सहायता पर भरोसा करते हुए स्मार्ट ऋण समाधानों को अपना रही हैं।”
महिलाएं और युवा पीढ़ी डिजिटल शॉपिंग के अग्रणी
- महिलाएं: 60% महिलाएं ऑनलाइन खरीदारी में सक्रिय हैं, जबकि पुरुषों की भागीदारी 52% है।
- युवा पीढ़ी: जेन जेड (58%) और मिलेनियल्स (59%) डिजिटल शॉपिंग को तेजी से अपना रहे हैं, जबकि जेन एक्स के केवल 39% ही इसमें भाग ले रहे हैं।
- भौगोलिक रुझान: टियर-2 शहरों में 56% ऑनलाइन शॉपिंग दर्ज की गई, जो मेट्रो क्षेत्रों के समान स्तर पर है। कोलकाता (71%), कोच्चि (66%), हैदराबाद (64%), और चेन्नई (60%) डिजिटल कॉमर्स के मुख्य केंद्र बन रहे हैं।
एम्बेडेड फाइनेंस से महिलाओं के लिए ई-कॉमर्स आसान
स्टडी के अनुसार, एम्बेडेड फाइनेंस ऑनलाइन खरीदारी को सरल बना रहा है।
- ईएमआई कार्ड 38% निम्न-मध्यम वर्ग की महिला खरीदारों द्वारा पसंद किया जा रहा है, जिससे विश्वसनीयता और तेज वितरण संभव हो रहा है।
- 30% उपभोक्ता (मुख्य रूप से महिलाएं और मेट्रो में रहने वाले) चैटबॉट रिस्पॉन्स को विश्वसनीय मानते हैं।
- 26% उपभोक्ता व्हाट्सएप के माध्यम से ऋण प्रस्तावों पर भरोसा करते हैं।
डिजिटल वित्तीय साक्षरता को मजबूत करना
जैसे-जैसे ऑनलाइन शॉपिंग और डिजिटल लेंडिंग बढ़ रही है, वित्तीय जागरूकता भी आवश्यक हो गई है। हर पाँच में से एक महिला वित्तीय प्रबंधन, इंटरनेट बैंकिंग और डिजिटल भुगतान प्रणाली को बेहतर ढंग से समझने की इच्छा रखती है।
महिलाओं को वित्तीय योजना और क्रेडिट प्रबंधन के ज्ञान से सशक्त बनाना आवश्यक है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें और डिजिटल अर्थव्यवस्था में आत्मविश्वास से कदम बढ़ा सकें।