Thursday, December 26, 2024
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डीपीआईआईटी और विंज़ो का बड़ा कदम: भारत के इंटरैक्टिव एंटरटेनमेंट सिस्‍टम को बढ़ावा देने के लिए एमओयू

नई दिल्ली : भारत के इंटरैक्टिव एंटरटेनमेंट उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल हुई है। उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने भारत के प्रमुख सोशल गेमिंग और इंटरैक्टिव एंटरटेनमेंट प्लेटफ़ॉर्म विंज़ो के साथ दो साल का समझौता ज्ञापन (एमओयू) किया है। इस साझेदारी का उद्देश्य भारत को गेमिंग और इंटरैक्टिव टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में वैश्विक नेता बनाना है।

क्या है साझेदारी की खासियत?

  • 2,000+ स्टार्टअप्स और इनोवेटर्स को समर्थन:
    यह एमओयू स्टार्टअप्स, छात्रों और इन्फ्लुएंसर्स को मार्गदर्शन, कार्यशालाओं, हैकथॉन और एक्सेलेरेटर कार्यक्रमों के माध्यम से सशक्त करेगा।
  • सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई):
    डीपीआईआईटी और विंज़ो के सहयोग से स्थापित सीओई भारतीय स्टार्टअप्स के लिए एक लॉन्चपैड होगा, जो कुशल प्रतिभाओं का निर्माण करेगा और “मेड इन इंडिया” बौद्धिक संपदा के विकास में मदद करेगा।

भारत के लिए बड़े फायदे

  • 300 बिलियन डॉलर के वैश्विक गेमिंग बाजार में हिस्सेदारी बढ़ाना।
  • नवाचार और भारतीय गेमिंग सामग्री का मौद्रीकरण।
  • एफडीआई (विदेशी निवेश) में बढ़ोतरी।
  • 2034 तक 60 बिलियन डॉलर के गेमिंग उद्योग और 20 लाख नौकरियों के निर्माण का लक्ष्य।

प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत विज़न को देगा बल

यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन की गई है। यह भारत को एक उत्पादक और निर्यातक के रूप में विश्व स्तर पर स्थापित करने के लिए कुशल पेशेवरों, नवीन तकनीकों और उच्च गुणवत्ता वाले गेमिंग प्रोडक्ट्स का निर्माण करेगा।

क्या बोले डीपीआईआईटी और विंज़ो के अधिकारी?

डीपीआईआईटी के संयुक्त सचिव श्री संजीव सिंह ने कहा:
“यह साझेदारी भारत को इंटरैक्टिव टेक्नोलॉजी का वैश्विक केंद्र बनाने में एक बड़ा कदम है। विंज़ो के साथ मिलकर हम गेमिंग उद्योग के लिए एक मजबूत और आत्मनिर्भर इकोसिस्टम तैयार कर रहे हैं।”

विंज़ो की सह-संस्थापक सौम्या सिंह राठौड़ ने कहा:
“डीपीआईआईटी के साथ यह सहयोग भारत के गेमिंग स्टार्टअप्स और नवाचार को वैश्विक मंच पर पहुंचाने में मदद करेगा। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हम भारतीय बौद्धिक संपदा को विश्व में स्थापित करने की दिशा में काम कर रहे हैं।”

क्या करेगा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई)?

  • हैकथॉन और वर्कशॉप:
    गेम डेवलपर्स और टेक इनोवेटर्स के लिए नए अवसर।
  • मौद्रीकरण और टैलेंट डेवलपमेंट:
    अत्याधुनिक कौशल विकास और उद्योग-तैयार कर्मचारी।
  • एफडीआई आकर्षित करना:
    भारतीय गेमिंग प्रॉपर्टीज के लिए वैश्विक निवेश।
  • ‘मेड इन इंडिया’ बौद्धिक संपदा:
    निर्यात योग्य गुणवत्ता वाले प्रोडक्ट्स का निर्माण।

आगे क्या?

इस एमओयू के तहत विंज़ो अपने 50 मिलियन डॉलर के फंड के जरिए स्टार्टअप्स को सपोर्ट करेगा। साथ ही, इसके टेक ट्रायम्‍फ प्रोग्राम का विस्तार किया जाएगा, जो भारतीय डेवलपर्स को वैश्विक मंचों, जैसे गेम डेवलपर्स कॉन्फ्रेंस (जीडीसी) और गेम्सकॉम (लैटिन अमेरिका) पर प्रस्तुत करता है।

निष्कर्ष

डीपीआईआईटी और विंज़ो की यह साझेदारी भारत के गेमिंग और इंटरैक्टिव एंटरटेनमेंट क्षेत्र में एक नया युग शुरू करने वाली है। नवाचार, वैश्विक प्रतिस्पर्धा और आत्मनिर्भरता की इस यात्रा में, यह पहल भारत के लिए मील का पत्थर साबित होगी।

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