मुंबई : देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने निष्क्रिय खातों को पुनः सक्रिय करने और ग्राहकों को नियमित लेन-देन के लिए प्रेरित करने हेतु एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया है। यह पहल ग्राहकों को अपने खातों को सक्रिय रखने के महत्व के प्रति जागरूक करने और बैंकिंग प्रक्रियाओं को सुगम बनाने पर केंद्रित है।
निष्क्रिय खातों को पुनः सक्रिय करने का उद्देश्य
नियमों के अनुसार, यदि किसी बचत या चालू खाते में दो साल तक कोई लेन-देन नहीं होता, तो वह खाता निष्क्रिय घोषित कर दिया जाता है। इस अभियान के तहत, री-केवाईसी (Know Your Customer) के जरिए खातों को फिर से सक्रिय करने की प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाया जाएगा। एसबीआई इस संदेश पर जोर दे रहा है कि नियमित लेन-देन से न केवल खाता सक्रिय रहता है, बल्कि वित्तीय लेन-देन में रुकावट भी नहीं आती।
तकनीक से प्रेरित समाधान
अभियान के तहत एसबीआई ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) आधारित मॉडल लागू करने की घोषणा की है। ये तकनीक ग्राहक सेवा बिंदुओं (CSPs) को उनके जोखिम प्रोफाइल के आधार पर वर्गीकृत करेगी, जिससे बैंकिंग प्रक्रियाएं अधिक सुरक्षित और कुशल बनेंगी।
नेशनल वर्कशॉप का आयोजन
अभियान की शुरुआत से पहले, गुरुग्राम में एसबीआई ने नेशनल बिजनेस करस्पोंडेंट्स के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला में:
- पीएमजेडीवाई खातों (प्रधानमंत्री जन धन योजना) के महत्व को रेखांकित किया गया।
- निष्क्रिय खातों को पुनः सक्रिय करने के तरीकों पर चर्चा हुई।
- एआई और एमएल आधारित मॉडल के इस्तेमाल पर प्रदर्शन किया गया।
एसबीआई अध्यक्ष श्री सी.एस. सेट्टी ने इस अवसर पर कहा: “पुनः केवाईसी अभ्यास को सख्ती से लागू करना और खातों को सक्रिय रखना ग्राहकों को निर्बाध बैंकिंग सेवा देने के लिए आवश्यक है। हमारा उद्देश्य है कि सभी नागरिकों को वित्तीय सेवाओं का लाभ मिले और बैंकिंग प्रणाली के हर पहलू में सुधार हो।”
उन्होंने बिजनेस करस्पोंडेंट्स से इस अभियान को सफल बनाने में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया और तकनीक का उपयोग करके अंतिम मील ग्राहक तक पहुंचने की आवश्यकता पर बल दिया।
वित्तीय समावेशन की दिशा में प्रतिबद्धता
एसबीआई के अनुसार, यह अभियान वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने और ग्राहकों के बैंकिंग अनुभव को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बैंक ने अपने बिजनेस करस्पोंडेंट चैनल को और अधिक प्रभावी और ग्राहक-केंद्रित बनाने के लिए नई तकनीकों और समाधान प्रस्तुत करने का भी वादा किया।
प्रमुख विशेषताएं:
- निष्क्रिय खातों को सक्रिय करने के लिए री-केवाईसी प्रक्रिया को प्राथमिकता।
- एआई और एमएल तकनीक के जरिए जोखिम प्रबंधन और ग्राहक सेवा में सुधार।
- बैंकिंग प्रक्रियाओं को पारदर्शी और ग्राहक अनुकूल बनाना।
- पीएमजेडीवाई और अन्य सरकारी योजनाओं के तहत सभी पात्र नागरिकों को कवर करना।
ग्राहकों के लिए संदेश
एसबीआई का यह राष्ट्रव्यापी अभियान न केवल निष्क्रिय खातों को सक्रिय करने के लिए प्रोत्साहित करता है, बल्कि ग्राहकों को निर्बाध और सुरक्षित बैंकिंग अनुभव का वादा भी करता है। “नियमित लेन-देन करें, खाता सक्रिय रखें, और बेफिक्र बैंकिंग का आनंद लें!”