मुंबई : यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने अपने दूरदर्शी संस्थापक श्री सेठ सीताराम पोद्दार जी की जयंती के अवसर पर सामुदायिक सेवा को समर्पित एक विशेष पहल का शुभारंभ किया। इस मौके पर बैंक ने अपने केंद्रीय कार्यालय में निःशुल्क भोजन कार्यक्रम की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य जरूरतमंद व्यक्तियों को ताजे भोजन और फल उपलब्ध कराना है।
कार्यक्रम का उद्घाटन बैंक की प्रबंध निदेशक और सीईओ ए. मणिमेखलै ने किया। इस अवसर पर बैंक के कार्यपालक निदेशक, वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारियों ने भी भाग लिया। यह पहल यूनियन बैंक के सेवा और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना को दर्शाती है और समाज के प्रति उसके समर्पण को पुनः स्थापित करती है।
कार्यक्रम का उद्देश्य:
- समुदाय के जरूरतमंद व्यक्तियों को भोजन उपलब्ध कराना।
- सामाजिक संवेदनशीलता और सामुदायिक कल्याण को बढ़ावा देना।
- संवहनीयता और सामुदायिक विकास में योगदान करना।
प्रबंध निदेशक का वक्तव्य:
कार्यक्रम के दौरान ए. मणिमेखलै ने कहा:
“यूनियन बैंक में, हम मानते हैं कि समाज को वापस देना हमारी जिम्मेदारी के साथ-साथ हमारा सौभाग्य भी है। इस पहल के माध्यम से, हम जरूरतमंद लोगों तक पहुंचने और एक बेहतर भविष्य के निर्माण में योगदान देने का प्रयास कर रहे हैं।”
समाज के प्रति बैंक की प्रतिबद्धता:
यह निःशुल्क भोजन कार्यक्रम यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के उस प्रयास का हिस्सा है, जिसमें वह अपने सेवा क्षेत्र के वंचित समुदायों के पोषण और उत्थान को प्राथमिकता देता है। यह पहल यह सुनिश्चित करती है कि प्रगति और संवहनीयता की दिशा में कोई भी व्यक्ति पीछे न छूटे।
सार्वजनिक सहयोग का आह्वान:
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की यह पहल अन्य संस्थानों और संगठनों के लिए एक प्रेरणा है, जो सामाजिक कल्याण और समानता के लिए अपना योगदान देना चाहते हैं।
“गिव बैक टू सोसाइटी” थीम के तहत, यूनियन बैंक न केवल वित्तीय सेवाओं में उत्कृष्टता के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि सामुदायिक सेवा में अपनी अनूठी पहचान भी स्थापित कर रहा है।