रायपुर: भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) रायपुर ने भारत सरकार की पहल “एक भारत श्रेष्ठ भारत” के अंतर्गत युवासंगम चरण-5 कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें छत्तीसगढ़ के 45 छात्रों को असम की समृद्ध संस्कृति, परंपराओं और शैक्षिक उपलब्धियों को जानने का अवसर मिला। इस पांच दिवसीय सांस्कृतिक दौरे का उद्देश्य राष्ट्रीय एकता, सांस्कृतिक समझ, और नेतृत्व विकास को बढ़ावा देना था।
कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण
कार्यक्रम का आयोजन असम विश्वविद्यालय, सिलचर के सहयोग से किया गया। दौरे के दौरान प्रतिभागियों ने शैक्षिक, सांस्कृतिक और औद्योगिक स्थलों का दौरा किया। प्रमुख आकर्षणों में शामिल थे:
- आर्यभट्ट खगोलीय वेधशाला का दौरा: छात्रों ने खगोल विज्ञान के अद्भुत पहलुओं को समझा और उत्तर-पूर्व की सबसे बड़ी दूरबीन से शनि और बृहस्पति का अवलोकन किया।
- पद्मश्री डॉ. रवि कन्नन आर. से संवाद: उनके प्रेरणादायक अनुभवों ने स्वास्थ्य सेवा में नेतृत्व और योगदान का महत्व समझाया।
- महत्वपूर्ण स्थलों का भ्रमण: छात्रों ने सोनबील (एशिया की दूसरी सबसे बड़ी आर्द्रभूमि), पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य, रोज कैंडी चाय बागान, और प्रसिद्ध कामाख्या मंदिर का दौरा किया।
- ब्रह्मपुत्र नदी क्रूज़: इस सांस्कृतिक संध्या में भोगाली बिहू उत्सव के पारंपरिक बिहू नृत्य का आयोजन किया गया।
शैक्षिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान
असम विश्वविद्यालय में सत्रों के दौरान छत्तीसगढ़ के छात्रों ने असम की संस्कृति और शैक्षिक वातावरण को नज़दीक से देखा।
- छात्रों ने छत्तीसगढ़ी नृत्य और संगीत प्रस्तुत किए।
- असम की लोक कला और बिहू नृत्य का आनंद लिया।
- सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने दोनों राज्यों के बीच एक मजबूत संबंध स्थापित किया।
प्रतिभागियों के अनुभव
प्रतिभागियों ने इस यात्रा को ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक बताया।
एक छात्र ने कहा: “असम की जैव विविधता और संस्कृति को देखना और समझना एक अनोखा अनुभव था। इस यात्रा ने हमें प्रैक्टिकल ज्ञान और सांस्कृतिक समझ दोनों से समृद्ध किया।”
विशिष्ट हस्तियों से मुलाकात
प्रतिनिधिमंडल ने असम के माननीय राज्यपाल श्री एल. पी. आचार्य से भेंट की, जिन्होंने युवाओं को राष्ट्रीय एकता के लिए प्रेरित किया। इसके अतिरिक्त, छात्रों ने गुवाहाटी रिफाइनरी का भी दौरा किया और औद्योगिक प्रक्रियाओं की जानकारी ली।
आईआईएम रायपुर का दृष्टिकोण
कार्यक्रम के समापन पर, आईआईएम रायपुर के निदेशक प्रो. राम कुमार ककानी ने कहा:
“इस कार्यक्रम ने छत्तीसगढ़ और असम के बीच सांस्कृतिक पुल का निर्माण किया है। यह पहल हमारे छात्रों को विविध परंपराओं को समझने और साझा विकास के लिए कार्य करने की प्रेरणा देती है।”
“एक भारत श्रेष्ठ भारत” की भावना का प्रदर्शन
इस कार्यक्रम ने पर्यटन (Tourism), परंपरा (Tradition), प्रगति (Progress), जन संपर्क (People-to-People Contact), और प्रौद्योगिकी (Technology) को बढ़ावा दिया।
आईआईएम रायपुर के बारे में
आईआईएम रायपुर, 2010 में स्थापित, छत्तीसगढ़ के नया रायपुर में स्थित है। संस्थान का उद्देश्य भविष्य के नेतृत्वकर्ताओं को तैयार करना है।
- एमएचआरडी-एनआईआरएफ बिजनेस रैंकिंग 2023 में 14वां स्थान।
- आउटलुक-आईकेयर रैंकिंग 2024 में 8वां स्थान।
आईआईएम रायपुर आधुनिकता और पारंपरिक भारतीय संस्कृति का अनूठा संगम प्रस्तुत करता है।
यह कार्यक्रम छत्तीसगढ़ और असम के बीच राष्ट्रीय एकता, सांस्कृतिक समरसता, और युवाओं में नेतृत्व कौशल को बढ़ाने में मील का पत्थर साबित हुआ।