पीडब्ल्यूसी का 28वां वार्षिक ग्लोबल सीईओ सर्वे: भारत का दृष्टिकोण
दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की चर्चा के बीच, पीडब्ल्यूसी ने भारतीय सीईओ को लेकर अपने 28वें वार्षिक ग्लोबल सीईओ सर्वेक्षण के परिणाम जारी किए। यह रिपोर्ट बताती है कि भारत के 87% सीईओ देश की आर्थिक प्रगति को लेकर आश्वस्त हैं और 74% सीईओ अपनी कंपनियों की आगामी तीन वर्षों में राजस्व वृद्धि को लेकर सकारात्मक हैं।
भारत में एआई और नवाचार की स्थिति
- 51% सीईओ जनरेटिव एआई के लाभप्रदता पर सकारात्मक हैं।
- हालांकि, 2 में से 1 सीईओ को व्यवसाय प्रक्रियाओं में एआई के एकीकरण पर भरोसा नहीं है।
- 68% भारतीय सीईओ आने वाले वर्ष में नई भर्तियां करने की योजना बना रहे हैं।
पीडब्ल्यूसी के चेयरपर्सन संजीव कृष्ण का कहना है, “जनरेटिव एआई व्यापार जगत में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है। इसके प्रभाव को सही तरीके से अपनाने के लिए कंपनियों को इसे अपनी रणनीतियों में शामिल करना होगा।”
जलवायु परिवर्तन के लिए सीईओ की प्राथमिकता
- भारत के 33% सीईओ ने जलवायु-अनुकूल निवेशों से राजस्व में वृद्धि दर्ज की है।
- 60% से अधिक ने कहा कि इन निवेशों ने या तो लागत कम की या उस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
- सीईओ मुआवजे का एक बड़ा हिस्सा अब सस्टेनेबिलिटी मीट्रिक्स से जुड़ा हुआ है।
नई रणनीतियों को अपनाने की अनिवार्यता
- भारत और विश्व के 40% सीईओ ने पिछले पांच वर्षों में नए उद्योगों में प्रतिस्पर्धा करना शुरू किया।
- भारत में 50% सीईओ ने अपने राजस्व का 20% तक नए क्षेत्रों से अर्जित किया।
- 38% भारतीय सीईओ ने नए ग्राहक आधार को लक्षित किया।
भारत का वैश्विक महत्व
ग्लोबल निवेश योजनाओं में भारत अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, और चीन के साथ शीर्ष पांच देशों में शामिल है। रिपोर्ट में भारत को एक ऐसा केंद्र बताया गया है जो वैश्विक सस्टेनेबिलिटी और नवाचार के भविष्य को आकार दे रहा है।
सर्वेक्षण का निष्कर्ष:
“भविष्य के लिए तैयार रहने के लिए सीईओ को अपने व्यवसाय मॉडल की गहराई से समीक्षा करनी होगी। बदलते परिवेश में नई संभावनाओं को खोजने के लिए तैयार रहना चाहिए,” कृष्ण ने कहा।
सर्वेक्षण का विवरण
- 109 देशों के 4,700 से अधिक सीईओ का सर्वेक्षण किया गया।
- इनमें 75 से अधिक भारतीय सीईओ शामिल थे।
पूरी रिपोर्ट यहां पढ़ें।