रायपुर। भारत रत्न व पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी के नाम पर अटल ज्योति योजना (अजय) प्रदेश में 2006 में शुरू हुई जो, 2012 तक चली। इसके तहत प्रदेश के शहरों में विद्युत की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित की गई। 305 सिंचाई फीडर से पंपों की बिजली को अलग किया गया। इससे लगभग 700 गांव लाभान्वित हुए। छत्तीसगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के अधिकारियों के अनुसार छह साल चली इस योजना में 272 करोड़ रुपये खर्च हुए थे।
शहरों के साथ गांवों का रखा ध्यान
अटल ज्योति योजना में शहरों के साथ गांवों का भी ध्यान रखा गया। निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए रायपुर, धमतरी, दुर्ग, बिलासपुर, भिलाई जैसे प्रमुख शहरों को चुना गया। वहीं गांवों में सोलर लाइट, बिजली खंभे लगाने, किसानों को खेती के दौरान समयानुसार बिजली मिले इसकी भी व्यवस्था की गई।
घरों में 24 घंटे देनी थी बिजली
गांव से लेकर तहसील मुख्यालय तक उपभोक्ताओं को अटल ज्योति योजना के तहत 24 घंटे बिजली उपलब्ध करानी थी। ग्रामीण क्षेत्रों के घरों में 24 घंटे और खेती के लिये कम से कम 10 घंटे बिजली देने का नियम लागू किया गया था। भरपूर बिजली मिलने से शहरों व गांवों में लघु और कुटीर उद्योगों का जाल बिछा और प्रदेश की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई।