बिहार के मुजफ्फरपुर अस्पताल ( muzaffarpur hospital ) में एक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (AES) से बच्चों की मौत की संख्या बढ़ती जा रही है. श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज मुजफ्फरपुर अस्पताल (SKMCH) के पीछे मानव कंकाल के अवशेष मिलने के संबंध में स्वास्थ्य विभाग ने जांच के आदेश दिए हैं. मुजफ्फरपुर अस्पताल के पिछले हिस्से में बने जंगल में एक बोरे में करीब 100 नर कंकाल के अवशेष मिले हैं.
बता दें कि जहां चमकी बुखार के चलते हुई मौतों से मुजफ्फरपुर अस्पताल प्रशासन पहले ही सवालों के घेरे में है, वहीं मुजफ्फरपुर अस्पताल के पीछे बोरे में कंकाल से हड़कंप मच गया है. इनका न ही दाह संस्कार किया गया और न ही इन्हें दफनाया गया. इस मामले में बिहार स्वास्थ्य विभाग ने जिला प्रशासन को जांच के आदेश दिए हैं.
मुजफ्फरपुर अस्पताल के एक जांच दल ने पुलिस के साथ मानव कंकाल मिलने वाली जगह का मुआयना किया. मुजफ्फरपुर अस्पताल के पीछे मौजूद जंगल में एक या दो जले हुए शव मिले हैं. साथ ही 100 कंगालों के अवशेष भी जमीन पर पड़े हुए और बोरियों में भरे हुए मिले. बिहार स्वास्थ्य विभाग ने भी इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं. इस बीच एक जांच टीम उस जगह पर पहुंच गई है, जहां मुजफ्फरपुर अस्पताल के बाह बोरे में नर कंकाल मिले थे.
स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए गए जांच के आदेश के बाद मुजफ्फरपुर के डीएम आलोक रंजन घोष ने मामले को गंभीरता से लिया. डीएम आलोक रंजन ने एसकेएमसीएच के प्रशासन और संबंधित विभाग से मामले में रिपोर्ट मांगी है. जांच के बाद अहियापुर एसएचओ सोना प्रसाद सिंह ने कहा, जांच के बाद पता चला है कि लावारिस शवों को यहां जलाया जाता है.गौरतलब है कि बिहार (Bihar) में दिमागी बुखार या आम भाषा में ‘चमरी बुखार’ बच्चों की जानें ले रहा है. इससे अब तक 128 बच्चों की मौत हो चुकी है.