नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आते ही दक्षिण भारत के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में पचास वर्ष से कम उम्र की महिलाओं को प्रवेश की इजाजत का भी फैसला हो गया है। इस पर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत दे दी है। इस प्रतिबंध को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने आठ दिनों तक सुनवाई के बाद एक अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
पीठ में जस्टिस मिश्रा के अलावा न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन, जस्टिस एएम खानविल्कर, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदु मल्होत्रा भी शामिल हैं। इस विवादास्पद मामले में अपना रुख कई बार बदलने के बाद केरल सरकार ने 18 जुलाई को आखिरकार कह दिया कि वह मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की पक्षधर है। शीर्ष कोर्ट ने पिछले वर्ष 13 अक्टूबर को यह मामला संविधान पीठ के हवाले किया था। सुप्रीम कोर्ट ने लैंगिक समानता पर जोर देते हुए आइपीसी की धारा497 रद्द कर दिया है।