सिंगापुर। तीन देशों की यात्रा के आखिरी चरण में सिंगापुर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने समकक्ष ली एच लूंग से मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों के शीर्ष नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग, व्यापार, निवेश, तकनीक और रक्षा सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। कल पीएम मोदी अमेरिका के रक्षामंत्री जिम मैटिस से मुलाकात करेंगे। मैटिस इस समय सिंगापुर दौरे पर हैं।
दोनों देशों ने आठ समझौतों पर हस्ताक्षर भी किए जिसमें नौसेना के बीच लॉजिस्टिक सहयोग बढ़ाना भी शामिल है। इसके अतिरिक्त नौसैनिक विमानों, जहाज और पनडुब्बी के लिए सेवा सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति बनी। दोनों देशों के बीच नशीली दवाओं की तस्करी रोकने और वित्तीय तकनीक (फाइनटेक) बढ़ाने के लिए ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप बनाने पर भी करार हुआ।
लूंग के साथ मुलाकात के बाद हुई साझा प्रेस वार्ता में मोदी ने कहा, सिंगापुर भारत में एफडीआइ का प्रमुख स्त्रोत है। भारतीय कंपनियां सिंगापुर का इस्तेमाल स्प्रिंग बोर्ड की तरह करती हैं।” 2004 में दोनों देशों के बीच हुए कॉम्प्रीहेंसिव इकोनॉमिक कॉपरेशन अग्रीमेंट (सीईसीए) की चर्चा करते हुए मोदी ने कहा, “हमने सफलतापूर्वक इस समझौते का दूसरा रिव्यू किया है। दोनों देश के अधिकारी इसमें सुधार के लिए जल्द चर्चा करेंगे।” सीईसीए के बाद दोनों देशों का व्यापार लगभग दोगुना हो गया है।
मुलाकात के दौरान मोदी और वांग ने क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा की और समुद्री सुरक्षा पर अपना रुख दोहराया। मोदी ने कहा, “आने वाले समय में साइबर सुरक्षा और आतंकवाद से निपटने में आपसी सहयोग अहम होगा। हम दोनों ने ही नियम आधारित व्यवस्था पर अपनी प्रतिबद्धता जताई है।”
प्रेस वार्ता में ली ने कहा, “दोनों देश तकनीक, स्मार्ट सिटी और कौशल विकास में सहयोग करेंगे। हमारा सैन्य सहयोग मजबूत हुआ है। इस साल हम दोनों देशों के साझा समुद्र अभ्यास की 25वीं सालगिरह मनाएंगे।”
बता दें कि इससे पहले गुरुवार को सिंगापुर पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी का प्रेजीडेंशियल पैलेस इस्ताना में शानदार स्वागत हुआ और उन्हें गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया। मोदी ने सिंगापुर की राष्ट्रपति हलीमा याकूब से शिष्टाचार भेंट की। साथ ही रुपे कार्ड, भीम और यूपीआइ आधारित कई एप लांच किए थे। भारतीय पर्यटक यहां के चांगी एयरपोर्ट और कुछ चुनिंदा जगहों पर भुगतान के लिए अब रुपे कार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं।
मोदी ने सिंगापुर के छात्रों से की बातचीत
प्रधानमंत्री मोदी ने सिंगापुर की प्रतिष्ठित नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी का दौरा किया। उनके साथ सिंगापुर के शिक्षा मंत्री आंग ये कुंग भी थे। इस यात्रा के दौरान भारतीय विश्वविद्यालयों और एनटीयू के बीच शैक्षणिक और व्यापार सहयोग बढ़ाने के लिए छह करार भी हुए। मोदी ने यूनिवर्सिटी के छात्रों और शिक्षकों से “ट्रांसफॉर्मिंग एशिया थ्रू इनोवेशन” विषय पर बातचीत की। छात्रों से बातचीत में मोदी ने कहा, “हर तरह की बाधा या खलल को विध्वंस की तरह नहीं देखा जाना चाहिए। मुझे लगता है कि बाधाएं व्यक्ति की प्रतिभा और रचनात्मकता का प्रतीक है।” तकनीक को सशक्तिकरण से जोड़ते हुए मोदी ने कहा, “कंप्यूटर के आने से लोगों को डर था कि उनकी नौकरियां चली जाएंगी। लेकिन इसने रोजगार के नए रास्ते बनाए। तकनीक हमेशा व्यक्ति को सशक्त ही बनाती है।”