Thursday, November 7, 2024
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महिला किसान दिवस: प्रदेश के 30 ज़िलों से आईं महिला किसान

Mahila Kisan Diwas program

महिला किसान दिवस: 15 अक्टूबर को महिला किसान दिवस के अवसर पर भोपाल हाट में एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के लगभग 30 जिलों से 1000 महिला किसान एकत्रित हुए। एक नई हरित क्रांति की ओर पहल करते हुए इन महिला किसानों ने प्राकृतिक खेती से जुड़ी अपनी पारम्परिक एवं आधुनिक पद्धतियों और उत्पादों का प्रदर्शन किया।

मध्यप्रदेश कृषि के क्षेत्र में अग्रणी राज्य है और कृषि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भूमिका अहम् है। इस कार्यक्रम के द्वारा महिलाओं की “किसान” के रूप में पहचान एवं कृषि में महिलाओं के नेतृत्व को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके द्वारा महिलाओं की कृषि में भागीदारी को न केवल पहचान दिलाना, बल्कि उनके लिए स्थायी समाधान और संसाधन उपलब्ध कराने पर भी ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, जिससे भविष्य में एक समृद्ध और समावेशी हरित क्रांति संभव हो सके।

इस एक दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत एक “जन-जागरूकता दौड़” के साथ की गयी जिसमे ग्रामीण क्षेत्रों से आयी महिलाएं एवं भोपाल के नागरिकों को मिलाकर लगभग 1000 लोग जुड़े। यह दौड़ “Run for a Cause – Safe Food for All” के उद्देश्य के साथ भोपाल हाट से शुरू होकर लगभग 4 किलोमीटर तक चली, जिसके द्वारा शहर में इस विषय पर जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया गया।

दोपहर के सत्र में परिचर्चाओं का आयोजन किया गया जिसमे विभिन्न वक्ताओं द्वारा महिलाओं के लिए उपलब्ध नीतियों, संसाधनों, और अवसरों पर विस्तार से चर्चा की गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, मध्य प्रदेश के पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रह्लाद पटेल, ने यह स्पष्ट किया कि सही दिशा में समाज के विकास के लिए समाज और प्रशासन में महिलाओं का नेतृत्व अहम् है। एक नई हरित क्रांति की ओर अग्रसर होने के लिए उन्होंने प्राकृतिक खेती उत्पादों के लिए मार्केटिंग प्लेटफार्म को बढ़ावा देने की बात की, ताकि प्राकृतिक खेती प्रयासों को उचित मूल्य प्राप्त हो सकें।

विशेष अतिथि, लोक स्वास्थ यांत्रिकी मंत्री सुश्री संपत्तिया उईके जी, ने भी महिला किसानों का मनोबल बढ़ाया और यह स्पष्ट किया कि विभिन्न ज़िलों में महिलायें वैकल्पिक खेती अपना रहें हैं और सफल हो रहें हैं।महिलाओं द्वारा एकल फसल प्रणाली से हटकर कोदो-कुटकी एवं अन्य पोष्टिक आहार उगाने के प्रयासों की उन्होंने बेहद सराहना की।साथ ही मंच पर अन्य अतिथि- मध्य प्रदेश आजीविका मिशन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री मनोज पुष्प, रिटायर्ड IAS श्री अरुण भट्ट एवं रिटायर्ड IAS व CEO ई-फसल श्री रविंद्र पसतोर जी भी उपस्थित थे, जिन्होंने महिलाओं के लिए कृषि के समाधान और संसाधन के विषय में महत्वपूर्ण बातें रखी।

इसी के साथ इन परिचर्चाओं में कुछ महिला किसानों ने भी अपनी बात रखी। पन्ना जिले से आयी महिला किसान श्रीमती कविता सिंह ने अपने अनुभव साझा किये और स्पष्ट किया कि महिलाएं घर के विभिन्न कार्यों के साथ साथ कृषि, पशुपालन आदि कार्यों का ज़िम्मा उठाती हैं, परन्तु वह समाज में उचित पहचान और संसाधनों से वंचित रहती हैं। कविता जी अपने गाँव में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए महिला लीडर के रूप में कार्य करती हैं एवं एक जैव संसाधन केंद्र और बीज बैंक भी चलाती हैं। इसी तरह अलग अलग जिलों से आयी महिलाओं ने अपनी कहानियाँ और अनुभव साझा किये।

भोपाल हाट के इस समारोह में किसान मेला (मढ़ई) का भी आयोजन किया गया जिसमे डिंडोरी, बालाघाट, मण्डला, बैतूल, झाबुआ, देवास, पन्ना, टीकमगढ़ एवं कई अन्य ज़िलों से आयी महिला किसानों ने प्राकृतिक खेती उत्पाद जैसे फल, सब्ज़ियाँ, शहद, कोदो-कुटकी, मसालें, जंगली उत्पाद, अनेक प्रकार के देसी बीज, हस्तशिल्प उत्पाद एवं कई प्रकार के पारंपरिक व्यंजनों के स्टाल लगायें। साथ ही कई सारे मॉडल जैसे मल्टीलेयर फार्मिंग, पॉलीक्रोपिंग, सामुदायिक पोषण वाटिका, रिजेनेरेटिव एग्रीकल्चर, पोल्ट्री, ग्राम पंचायत विकास प्लान के मॉडल को प्रदर्शित किया।

यह एक अनोखा कार्यक्रम था जिसका आयोजन एक नहीं, बल्कि अनेक संगठनों (जैसे MAKAAM, PRADAN, NCNF, SDIA, Climate-rise Alliance) एवं मध्य प्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन ने साथ मिलकर आयोजित किया।

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