भोपाल। वर्ष 2012 के अपने आदेश में संशोधन करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट से भोपाल गैस कांड के पीड़ितों के राहत, पुनर्वास और चिकित्सा से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए एक अलग पीठ गठित करने का निर्देश दिया है। पहले के आदेश में शीर्ष अदालत ने कहा था कि इन याचिकाओं की सुनवाई हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ करेगी। प्रधान न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविल्कर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने शुक्रवार को कहा कि इस अलग पीठ में ऐसे न्यायाधीश शामिल किए जाने चाहिए जिनका पर्याप्त सेवाकाल शेष हो।
याचिकाकर्ता ‘भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन’ की ओर से पेश अधिवक्ता विल्स मैथ्यू ने कहा कि पिछले पांच साल में मामले की सुनवाई करने वाले हाई कोर्ट के कई मुख्य न्यायाधीशों का या तो दूसरे हाई कोर्टों में स्थानांतरण हो गया या वे सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत हो गए। इन स्थानांतरणों और पदोन्नतियों से मामलों की सुनवाई और राहत कार्यों का कार्यान्वयन प्रभावित हुआ है।