खबर डिजिटल/ भोपाल: उमरिया जिले में हाल ही में हाथियों की मौत के मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य स्तरीय हाथी टास्क फोर्स के गठन का ऐलान किया है। वन विभाग के साथ आपात बैठक के बाद फील्ड डायरेक्टर गौरव चौधरी और प्रभारी एसीएफ फतेह सिंह निनामा को निगरानी में लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।
मुख्य घोषणाएँ:
हाथी टास्क फोर्स का गठन: हाथी-मानव सहअस्तित्व सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। इसके साथ ही जिन क्षेत्रों में हाथियों का ज्यादा आना-जाना है, वहाँ “हाथी मित्र” नियुक्त किए जाएंगे ताकि जन जागरूकता बढ़े और सह-अस्तित्व को बल मिले।
अन्य राज्यों की सर्वोत्तम प्रथाओं का अनुसरण: मुख्यमंत्री ने कर्नाटक, केरल और असम जैसे राज्यों की बेस्ट प्रेक्टिसेस को अपनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए इन राज्यों में मध्यप्रदेश के अधिकारियों को भेजा जाएगा ताकि हाथियों के साथ बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित हो सके।
फसल सुरक्षा के लिए सोलर फेंसिंग: जिन क्षेत्रों में हाथियों का आवागमन अधिक है, वहां किसानों की फसलों को बचाने के लिए सोलर फेंसिंग की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही, किसानों को कृषि के साथ-साथ वैकल्पिक कार्यों से जोड़ने के प्रयास भी होंगे।
मुआवजा राशि में वृद्धि और रेडियो टैगिंग: भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अकेले हाथियों पर नज़र रखने हेतु रेडियो टैगिंग की जाएगी। मानव हानि के मामलों में मुआवजा राशि को बढ़ाकर 25 लाख रुपये प्रति व्यक्ति किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन कदमों का उद्देश्य वन्यजीवों और स्थानीय समुदायों के बीच संतुलन बनाना है, ताकि हाथियों और मनुष्यों के बीच संघर्ष को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर केंद्रीय वन मंत्री से भी चर्चा की गई है, ताकि हाथियों की सुरक्षा के लिए ठोस रणनीतियाँ अपनाई जा सकें।