इंदौर। इंडेक्स मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर ,मालवांचल यूनिवर्सिटी द्वारा सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की टीम ने डॅाक्टर्स और छात्रों का आकस्मिक स्थितियों में बेहतर प्रबंधन के बारे में जानकारी दी।इस अवसर पर एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डॉ.शैलेंद्र सिंह ने बताया कि आकस्मिक घटना के बाद अस्पताल में मरीजों का आने के बाद बेहतर इलाज डॉक्टर की पहली प्राथमिकता होती है। इस दौरान सबसे पहले मरीज की हालत को स्थिर करना सबसे बड़ी चुनौती है। इसमें सभी विभागों के बीच बेहतर तालमेल होना पहली प्राथमिकता होती है। इंदौर जैसे शहर में अब दुर्घटना से लेकर हादसे जैसे हर मामले में अस्पतालों की जिम्मेदारी कई गुना बढ़ा दी। ऐसे समय में आकस्मिक चिकित्सा के लिए अलग-अलग विभाग भी पहली जरूरत बन गए है। उन्होंने नए छात्रों से कहा कि किसी भी घटना के बाद मरीजों के आने का सिलसिला लगातार जारी रह सकता है। ऐसे समय में मरीज और परिजनों को बेहतर इलाज के साथ सही संवाद के जरिए संभालना हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।इंडेक्स समूह के चेयरमैन सुरेशसिंह भदौरिया और वाइस चेयरमैन मयंकराज सिंह भदौरिया के मार्गदर्शन में सेमिनार आयोजित किया गया।
बेहतर संवाद भी आज पहली जरूरत
इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के डॉ.राहुल तनवानी ने कहा कि आमतौर पर मरीज को गंभीर बीमारी या वह खतरे की स्थिति में है। ऐसे आकस्मिक स्थिति परिजनों को बेहतर तरीके इसकी जानकारी देना चाहिए। दुर्घटना के दौरान यदि कई मरीज अस्पताल में आए तो हर डॅाक्टर की जिम्मेदारी है कि वह उसे विभाग के तौर पर न देखकर एक टीम की तरह काम करे। इंडेक्स मेडिकल कॉलेज की डॅा.मेहुल श्रीवास्तव ने बताया कि आकस्मिक चिकित्सा अब हर शहर की पहली जरूरत बन गई है। ऐसे समय में जब दुर्घटनाओं का प्रतिशत बढ़ता जा रहा है। ऐसे समय में एक्सपर्ट्स की जरूरत भी बढ़ती जा रही है।इस अवसर पर मालवांचल यूनिवर्सिटी कार्यवाहक कुलपति डॉ.संजीव नारंग,एडिशनल डायरेक्टर आर सी यादव,डीन डॉ.जीएस पटेल,चिकित्सा अधीक्षक डॉ.स्वाति प्रशांत,डाॅ.एस एम होलकर,डाॅ.सुधीर मौर्या,डॉ.क्षितिज निगम सहित इंडेक्स मेडिकल कॉलेज और एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डॉ.अपूर्वा गुप्ता, डाॅ.आनंद घोड़ेला और डॉ. पीजी छात्र उपस्थित थे।