कटनी। सावन माह के पवित्र अवसर पर शिवभक्ति का अद्भुत नजारा रविवार को जिले में देखने को मिला। बागेश्वर धाम पुरैनी से सैकड़ों की संख्या में शिवभक्तों का जत्था नर्मदा का पवित्र जल लेकर भव्य कांवड़ यात्रा पर निकला। नंगे पैर कई किलोमीटर की कठिन यात्रा पूरी करते हुए कांवड़िये कन्हवारा और पढ़खुरी ग्राम पहुंचे, जहां उन्होंने भोलेनाथ को जल अर्पित कर मंगलकामनाएं कीं।

नंगे पैर तय की कठिन यात्रा
सुबह से ही पुरैनी स्थित बागेश्वरधाम आश्रम में श्रद्धालुओं का उत्साह देखने लायक था। कांवड़ियों ने विशेष पूजन-अर्चन के बाद नर्मदा से जल भरा और यात्रा का शुभारंभ किया। हाथों में कांवड़ थामे और “हर-हर महादेव” के जयघोष लगाते हुए जत्था कन्हवारा स्थित जागेश्वर धाम पहुंचा। यहां शिवलिंग पर जलाभिषेक कर भक्तों ने गांव की समृद्धि और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। इसके बाद कांवड़िये पढ़खुरी ग्राम के नीलकंठेश्वर धाम पहुंचे, जहां यात्रा का समापन हुआ।
कोविड के कारण टूटी परंपरा, फिर जीवंत हुआ आस्था का जज़्बा
स्थानीय लोगों के अनुसार, यह कांवड़ यात्रा वर्षों से चली आ रही परंपरा का हिस्सा है। हालांकि कोविड-19 महामारी के दौरान यह यात्रा स्थगित हो गई थी। लंबे समय बाद दोबारा शुरू हुई इस यात्रा में श्रद्धालुओं और ग्रामीणों का उत्साह पहले से कहीं अधिक नजर आया। गांव-गांव में लोगों ने कांवड़ियों का स्वागत किया और उन्हें जलपान की व्यवस्था कर सहयोग दिया।
भक्ति और अनुशासन का मिला संदेश
यात्रा में शामिल एक श्रद्धालु ने बताया, “सावन में शिवजी को नर्मदा का जल अर्पित करना हमारी आस्था का हिस्सा है। वर्षों बाद जब यह यात्रा फिर शुरू हुई है, तो ऐसा लग रहा है मानो जीवन में नई ऊर्जा लौट आई हो।” आयोजन समिति के सदस्यों ने कहा कि यात्रा का उद्देश्य केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि भक्ति, अनुशासन और एकता का संदेश देना भी है।
प्रशासन और ग्रामीणों का सहयोग
कांवड़ यात्रा को सफल बनाने में प्रशासन और ग्रामीणों ने भी सहयोग किया। यात्रा मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था और चिकित्सा सहायता की व्यवस्था की गई। स्वयंसेवी संगठनों ने भी जगह-जगह जल वितरण और विश्राम स्थलों की व्यवस्था की।
भव्य कांवड़ यात्रा के बाद भक्तों ने अगले वर्ष इसे और भी बड़े स्तर पर आयोजित करने का संकल्प लिया। श्रद्धालुओं का मानना है कि इस तरह के आयोजन न केवल धार्मिक आस्था को मजबूत करते हैं बल्कि समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करते हैं।