कटनी-(सौरभ श्रीवास्तव) के चर्चित रोहित चंचलानी हत्याकांड मामले में पुलिस जांच की निष्पक्षता को लेकर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। मृतक की बहन काशिश चंचलानी ने प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि इस पूरे प्रकरण के मुख्य षड्यंत्रकर्ता प्रकाश आहूजा को पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध होने के बावजूद SIT ने आरोपित नहीं बनाया।काशिश चंचलानी ने अपने निवेदन में कहा कि—प्रकाश आहूजा का नाम एफआईआर में दर्ज है।प्रत्यक्षदर्शियों ने पुलिस व न्यायालय (धारा 183 BNSS / 164 CrPC) के समक्ष दिए गए बयान में उसका नाम स्पष्ट रूप से लिया है।तकनीकी साक्ष्य, जैसे मोबाइल कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) और होटल व दुकानों के CCTV फुटेज, उसकी संलिप्तता को साबित करते हैं।इसके बावजूद SIT द्वारा प्रकाश आहूजा को बचाने का प्रयास किया गया, जबकि दूसरी ओर विक्रम चौबे को केवल इस आधार पर आरोपित बना दिया गया कि उसने मृतक को अपने घर में प्रवेश नहीं दिया।काशिश चंचलानी ने आरोप लगाया है कि इस मामले में राजनीतिक दबाव और प्रभाव साफ झलक रहा है। उनके अनुसार, प्रकाश आहूजा को कटनी-मुरवारा विधायक का संरक्षण प्राप्त है, वहीं SIT के अधिकारी संजय दुबे के साले टिंकू तिवारी और विधायक के बीच घनिष्ठ संबंध हैं। इन परिस्थितियों के चलते विवेचना की निष्पक्षता संदिग्ध हो गई है।उन्होंने मांग की है कि—मुख्य षड्यंत्रकर्ता प्रकाश आहूजा को तत्काल आरोपित बनाया जाए।SIT की जांच की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष समीक्षा कराई जाए।रोहित चंचलानी हत्याकांड में उनके परिवार को न्याय दिलाया जाए।काशिश चंचलानी का कहना है कि केवल उच्च स्तरीय हस्तक्षेप और निष्पक्ष जांच से ही उनके भाई को न्याय मिल सकता है।