भोपाल: प्रदेश में पेसा कानून के बेहतर क्रियान्वयन के लिए अमरकंटक में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित के लिए पंचायती राज मंत्रालय भारत सरकार, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय यूनिवर्सिटी अमरकंटक के बीच गुरुवार को त्रि-पक्षीय अनुबंध हुआ। समझौता ज्ञापन समारोह का आयोजन मध्यप्रदेश जल एवं भूमि प्रबंध संस्थान वाल्मी भोपाल में हुआ। त्रि-पक्षीय समझौता ज्ञापन समारोह में पंचायती राज मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव श्री विवेक भारद्वाज, संयुक्त सचिव मुक्ता शेखर पंचायती राज मंत्रालय भारत सरकार, प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास मध्यप्रदेश श्रीमती दीपाली रस्तोगी, संचालक सह-आयुक्त पंचायत राज संचालनालय श्री छोटे सिंह, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक से कुलपति व्योमकेश त्रिपाठी, अखिल भारतीय वनवासी कल्याण अश्रम के श्री गिरीश कुबेर, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष जनजाति आयोग भारत सरकार श्री हर्ष चौहान, सलाहकार बोर्ड सदस्य श्रीमती निशा, संयुक्त प्रबंध निदेशक ट्रांसफार्म रूरल इंडिया फाउडेशन के अनीश कुमार, सहित प्रदेश के विभिन्न पेसा कानून वाले जिलों के सरपंच उपस्थित थे।
मध्यप्रदेश जल एवं भूमि प्रबंध संस्थान वाल्मी भोपाल में आयोजित त्रि-पक्षीय समझौता ज्ञापन समारोह के दौरान पेसा कानून की पहल सशक्तता और स्वशासन की कहानियां पुस्तिका का विमोचन भी किया गया। पंचायती राज मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव श्री विवेक भारद्वाज ने कहा की यह त्रि-पक्षीय समझौता अनुसूचति जनजाति वर्ग के उत्थान के लिए महत्पूर्ण कदम है। जनजातियों में यदि विवाद होते हैं तो उनका वे आसानी से निपटारा कर लेते हैं। विवादों का समाधान करने की जो प्रक्रिया है, उसे बाकी लोगों को भी सीखने की जरूरत है। पेसा कानून क्षेत्रों में जनजातियों एवं प्रतिनिधियों की क्षमता निर्माण के लिए मंत्रालय भारत सरकार की तरफ से प्रशिक्षण मॉड्यूल भी तैयार किये गये हैं। सचिव श्री भारद्वाज ने कहा कि पेसा कानून पर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय यूनिवर्सिटी अमरकंटक में उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना के लिए जो समझौता हुआ है, वह अविस्मरणीय है। इस समझौते से मध्यप्रदेश को ही नही सभी 10 पेसा राज्यों को भी फायदा होगा। कार्यक्रम के दौरान पेसा एक्ट पैनलिस्ट, विशेषज्ञों द्वारा जनजाती समुदाय के विकास के लिए प्रदेश में पेसा एक्ट के क्रियान्वयन, उपनियमों को लागू करना, समुदाय को प्रशिक्षण देना, परंपराओं की रक्षा, नए शोध, जनजातीय कलाओं को सुरक्षित रखे जाने पर गहन विचार-विमर्श किया गया। पेसा (अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम, 1996) एक्ट के लिए देश में पहली बार ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की स्थापना की जा रही है। इसके पहले राज्य स्तर पर इसकी ट्रेनिंग कराई जाती थी। जनजातीय पंचायतों में आदिवासियों के अधिकारों को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने पेसा एक्ट लागू किया है। जनजातीय समुदाय में नेतृत्व क्षमता का निर्माण किया जाएगा। पारंपरिक कानूनों का दस्तावेजीकरण किया जाएगा। साथ ही शोध कार्य भी होगा।