mp political analysis : राजगढ़ जिले की 2 बांधों की समस्याओं को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने करने के लिए कई बार समय मांगा जो उन्हें नहीं दिया गया बताया जाता है कि शिवराज सिंह को कमलनाथ एयरपोर्ट पर एक छोटी मुलाकात के दौरान इस समस्या से अवगत कराया था. आज शिवराज सिंह ने समय दिया पर वह समय दिग्विजय नहीं था कमलनाथ के लिए था मध्य प्रदेश की राजनीति में इस घटनाक्रम को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं.
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किसने किया था या अभी भी बना हुआ है मुख्यमंत्री ने दिग्विजय सिंह को इस मुलाकात के लिए समय क्यों नहीं दिया इस पर भी गहरी आशंकाएं हैं नाक के व्यक्तिगत संबंध देश के सभी राजनीतिक दलों और औद्योगिक घरानों से बने हुए हैं प्यार में दिग्विजय सिंह स्वयं इस प्रतिनिधिमंडल को लेकर शिवराज सिंह से मिलने के लिए गए कमलनाथ की नेतृत्व क्षमता पर प्रश्न चिन्ह लगाना बेकार है कमलनाथ विकास के एक पर्याय है जबकि दिग्विजय सिंह विवादास्पद राजनीति के पर्याय है.
संभवत यही कारण है कि शिवराज सिंह ने यह उपयुक्त नहीं समझा हो कि वे दिग्विजय सिंह को व्यक्तिगत समय देकर इस समस्या से अवगत हो सकें. माना जाता है कि कमलनाथ यदि किसी दिशा में प्रयास करते हैं तो उसके परिणाम आवश्यक रूप से सामने आते विजय सिंह के बारे में यह स्पष्ट मत है कि किसी समस्या को उलझाना हो या राजनीतिक रूप से उस समस्या से कोई नया तंत्र विकसित करना हो तो वह मामला दिग्विजय सिंह के काम का होता है.
मुख्यमंत्री से मुलाकात की छोटी सी बात को लेकर दिग्विजय सिंह ने धरने पर बैठ गए थेऔर मुख्यमंत्री की इस उपेक्षा से दुखी होकर उन्होंने आंदोलन की घोषणा भी कर दी उनके साथ शामिल हुए चंद नेता उनके नेतृत्व में ही मुख्यमंत्री निवास पर धरने पर बैठ गए थे. इस घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस की समस्याओं को हल करने के लिए कमलनाथ को आगे आना पड़ेगा विवादास्पद व्यक्तित्व के भरोसे कांग्रेस की नाव पार नहीं उतारी जा सकती कमलनाथ यदि स्वयं आगे बढ़ते हैं तो मध्यप्रदेश में उन्हें समर्थन भी मिलेगा और सरकार का सहयोग भी मिलेगा. घटनाक्रम का असर कांग्रेस में क्या पड़ेगा यह तो समय बताएगा यह लगभग निश्चित हो गया है कि बिना विवादों के जनसमर्थन पर आधारित राजनीति करने के लिए को स्वयं आगे आना पड़ेगा उन्हें किसी बैसाखी की जरूरत नहीं है.
उनकी मदद के लिए कांग्रेस में कई वरिष्ठ नेता मौजूद है क जो विश्राम कर रहे हैं और अपनी और अपनी क्षमताओं का पूरा उपयोग नहीं कर पा रहे हैं महत्वपूर्ण कारण कुछ विवादास्पद और स्वार्थी लोगो की चौकड़ी ने कमलनाथ को सुझाव देने की एक परंपरा कायम कर ली है पर आज की घटना यह स्पष्ट करती है कि बिना कमलनाथ के मध्य प्रदेश में कांग्रेस का स्थित कुछ नहीं है कमलनाथ को स्वयं आगे बढ़ना होगा और जन समस्याओं के निपटारे के लिए स्वयं पहल करनी होगी.
– सुधीर पांडे (मध्यप्रदेश राजनीतिक विश्लेषक)