रीवा/अरविन्द तिवारी/खबर डिजिटल/ विंध्य की धरती ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि यहां की बेटियां किसी भी क्षेत्र में कमाल करने का दम रखती हैं, रीवा की एक प्रतिभाशाली बेटी ओशिन सिंह सोलंकी ने सिर्फ 25 वर्ष की उम्र में और पहले ही प्रयास में सिविल जज की प्रतिष्ठित परीक्षा पास कर प्रदेशभर में मिसाल कायम की है, इस बेटी की यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार, बल्कि समूचे विंध्य और रीवा के लिए गर्व का क्षण बन गई है।
फर्स्ट अटेम्प्ट में पास किया सिविल जज का एग्जाम
वो कहते है न कि ” अगर मन मे कुछ कर गुजर जाने का जज्बा हो तो हर मुश्किल राह आसान हो जाती है” कुछ ऐसा ही करके दिखाया है, रीवा की बेटी ओशिन सिंह सोलंकी ने जिन्होंने महज 25 साल की उम्र में ही सिविल जज की प्रतिष्ठित परीक्षा को फर्स्ट अटेम्प्ट में पास करके नया कीर्तिमान स्थापित किया है, यह उपलब्धि किसी साधारण सफलता की कहानी नहीं, बल्कि अनुशासन, संघर्ष और आत्मविश्वास से भरी एक प्रेरक यात्रा है, कम उम्र में बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ओशिन ने न सिर्फ विंध्य का मान बढ़ाया, बल्कि अपनी चमकती प्रतिभा से विंध्य के गौरवशाली नामों की सूची में अपना स्थान शानदार अंदाज़ में दर्ज कराया है।
पिता क्रिमिनल लॉयर, माता एडीपीओ
सिविल जज की पहली ही परीक्षा मे सफलता का झंडा गाड़ने वाली 25 वर्षीय ओशिन सिंह सोलंकी रीवा शहर के नेहरू नगर कॉलोनी की निवासी हैं, ओशिन के पिता दल बहादुर सिंह सोलंकी रीवा के ही जिला न्यायालय मे क्रिमिनल लॉयर के पद पर कार्यरत हैं, जबकि ओशिन की माता आदर्श सिंह सोलंकी पीटीएस मे एडीपीओ के पद पर पदस्थ हैं, जबकि छोटा भाई 12 कक्षा में अध्यनरत हैं। ओशिन ने अपनी प्राथमिक पढ़ाई रीवा के बाल भारती स्कूल से की इसके बाद अवधेश प्रताप सिंह विश्व विद्यालय से बीए.एल.एलबी कम्प्लीट किया।
ओशिन ने माता पिता को दिया सफलता का श्रेय..
मीडिया से बात करते हुए ओशिन सिंह सोलंकी ने कहा कि वो अपनी सफलता का श्रेय वह अपनी माता पिता को देती है, क्योंकि इस सफलता के पीछे माता पिता दोनों ने ही मार्गदर्शन किया और उनसे ही प्रेरणा भी मिली। वर्ष 2023 मे एलएलबी की पढ़ाई चल रही थी, उसी दरमियान सिविल जज के लिए परीक्षा की तैयारियां शुरू कर दी थी, इसके बाद 2023 मे ही एलएलबी कम्प्लीट हुआ. और फिर इसी वर्ष के अंत तक वैकेंसी आने के बाद एग्जाम दिया, वर्तमान मे बीते दिनों ही सिविल जज के परीक्षा परिणामों की घोषणा हुई, जिसमें पहली बार में ही सफलता हासिल हो गई और मध्यप्रदेश मे 17वां स्थान प्राप्त किया।
ओशिन ने छात्र-छात्राओं को दिया खास संदेश
ओशिन ने बताया की उनके दोस्त और शिक्षक हमेशा उन्हें प्रेरित करते थे और मार्गदर्शन भी करते थे, मेरी सफलता की खबर लगते ही सभी लोगों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए शुभकामनाएं दी। ओशिन ने छात्र छात्राओं को संदेश भी दिया हैं कि हमें असफलता से सीख लेनी चाहिए और आगे बढ़ते रहना चाहिए। साथ ही कहा कि अपने माता पिता की बात माने, सकारात्मक माहौल में रहें, सकारात्मक ऊर्जा बनाएं रखें. कामयाबी एक न एक दिन जरूर हासिल होगी।
शुरू से रही मेघावी छात्रा रहीं ओशिन
ओशिन ने की माता आदर्श सिंह सोलंकी ने बताया कि बेटी की सफलता से पूरे परिवार मे खुशी का माहौल हैं, ओशिन की तारीफ करते हुए कहा कि बचपन से ही ओशिन मेधावी छात्रा रहीं हैं, मुझे शुरू से ही पता था कि अगर सही मार्गदर्शन देंगे तो जरूर बेहतर होगा, जो ओशिन ने साबित भी करके दिखाया हैं, हमने ओशिन का फुल सपोर्ट किया क्योंकि मैं खुद एक अभियोजन अधिकारी हूं और मैंने इस एग्जाम की खुद भी तैयारी की थी, जिसके चलते लॉ का मुझे अच्छा ज्ञान था, लेकिन ओशिन ने कड़ी मेहनत से यह मुकाम हासिल करके दिखाया है, आगे चलकर ओशिन को जो भी काम सौंपा जाएगा उसे वे बखूबी निभाएंगी ऐसा मुझे विश्वास हैं।


