Sunday, August 3, 2025
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कटनी जिले में 23 अगस्‍त को प्रस्तावित माइनिंग कॉन्‍क्लेव की तैयारियों का प्रमुख सचिव ने लिया जायजा

कटनी सौरभ श्रीवास्तव – जिले की समृद्ध खनिज संपदा के खनन क्षेत्र में निवेश संवर्धन और आधुनिक तकनीकों को अपनाकर खनिज संसाधनों के कुशल उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्‍य से कटनी जिले में 23 अगस्‍त को मुख्‍यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मुख्‍य आतिथ्‍य में माइनिंग कॉन्‍क्‍लेव का आयोजन प्रस्‍तावित है। इसके मद्देनजर शनिवार को प्रमुख सचिव माइनिंग श्री उमाकांत उमराव और कलेक्‍टर श्री दिलीप कुमार यादव सहित खनिज विभाग और मध्‍यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड के भोपाल से आये वरिष्‍ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने कटनी शहर के होटल अरिंदम का स्‍थल निरीक्षण किया।इस दौरान जिला पंचायत के सीईओ श्री शिशिर गेमावत, एसडीएम प्रमोद कुमार चतुर्वेदी, उपसंचालक खनिज रत्‍नेश दीक्षित, उपसंचालक खनिज श्री सोलंकी, महाप्रबंधक उद्योग ज्‍योति सिंह, नगर निगम कमिश्‍नर नीलेश दुबे, मध्‍यप्रदेश पर्यटन निगम के अधिकारी, नायब तहसीलदार अतुलेश सिंह, सहायक प्रबंधक राजेश पटेल आदि मौजूद रहे।कटनी में प्रस्‍तावित माइनिंग कॉन्‍क्‍लेव में प्रदेश सहित देश भर के खनन क्षेत्र में कार्य करने वाले नामचीन उद्योगपति शामिल होंगे।इस कॉन्‍क्‍लेव में देश और प्रदेश के करीब एक हजार उद्योगपतियों के शामिल होने की संभावना है। प्रमुख सचिव माइनिंग श्री उमराव ने स्‍थल का मुआयना कर मंचस्‍थल, प्रदर्शनी स्‍थल, उद्योगपतियों के साथ वन-टू-वन चर्चा स्‍थल, सेक्‍टोरियल प्रेजेंटेशन, पार्किंग स्‍थल आदि का जायजा लिया और अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए। जिले में खनिज संपदा एवं संभावनायेंकटनी जिला समृद्ध खनिज संपदा के लिए प्रसिद्ध है। यहां प्रमुख रूप से लाइम स्‍टोन, डोलोमाइट, मार्बल, बाक्‍साइट, लेटराइट एवं फायर क्‍ले जैसे खनिज प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं। इन खनिजों के कारण जिले में चल रही मौजूदा औद्योगिक गतिविधियों को माइनिंग कॉन्‍क्‍लेव के आयोजन से और अधिक गति मिलेगी।लाइमस्‍टोन जिले के बड़वारा और विजयराघवगढ़ में मिलता है। जिसका उपयोग सीमेंट, चूना, स्‍टील और कागज उद्योग में होता है। वहीं डोलोमाइट जिले के स्‍लीमनाबाद और बड़वारा क्षेत्र में उपलब्‍ध है। जो स्‍टील और पुट्टी प्‍लांट के लिए उपयोगी है। बहोरीबंद और स्‍लीमनाबाद क्षेत्र में अच्‍छी गुणवत्‍ता का मार्बल उपलब्‍ध है। जो भवन निर्माण और सजावटी वस्‍तुओं व मूर्तियां बनाने के लिए प्रसिद्ध है। इसी प्रकार तहसील कटनी और स्‍लीमनाबाद क्षेत्र में प्रचुर मात्रा में बाक्‍साइट पाया जाता है। जो एल्‍युमीनियम का प्रमुख स्‍त्रोत है। फायर क्‍ले, अग्निरोधी ईंट और टाइल निर्माण में प्रयोग होता है। वहीं लेटेराइट भूमि सुधार और जलसंरक्षण के लिए उपयोगी है। परिवहन नेटवर्ककटनी प्रमुख रेलवे ट्रांजिट और लॉजिस्टिक हब माना जाता है। यहां से 5 प्रमुख रेल मार्ग गुजरते हैं। जो कटनी को उत्‍तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम भारत से जोड़ते हैं। वर्तमान में जिले के खनिज लाइमस्‍टोन, डोलोमाइट मार्बल और बाक्साइट का परिवहन रेलवे द्वारा देश के औद्योगिक क्षेत्रों तक किया जाता है।कटनी की सड़क परिवहन व्‍यवस्‍था में राष्‍ट्रीय राजमार्गों से बेहतर कनेक्टिवटी है। इनमें एनएच-30 इसे सतना, जबलपुर, रीवा, रायपुर और वाराणसी जैसे शहरों से जोड़ता है। तो एनएच-43 मार्ग कटनी को अनूपपुर, शहडोल, डिंडोरी और बिलासपुर से जोड़ता है। इसके अलावा इन राष्‍ट्रीय राजमार्गों से कटनी का छत्‍तीसगढ़, उत्‍तरप्रदेश, महाराष्‍ट्र जैसे राज्‍यों से मजबूत सड़क संपर्क बना हुआ है।हवाई यातायात में कटनी का निकटतम हवाई अड्डा यहां से 100 किलोमीटर दूर जबलपुर में है। जो देश के प्रमुख नगरों से जुड़ा हुआ है। जो इसकी निवेश फ्रेंडली खूबियों को चार-चांद लगाता है।अन्‍य औद्योगिक इकाईयांमिनरल एण्‍ड माइनिंग सेक्टर के अलावा जिला एग्रोबेस्‍ड औद्योगिक इकाईयों के मामले में भी समृद्ध है। यहां चावल, तुअर दाल, गेहूँ का आटा, चने की पिसाई, मैदा, मसाले, फल, सुगंधित पौधे, फूल, उद्यानिकी और औषधीय पौधों का बड़े पैमाने पर उत्‍पादन होता है। इसलिए यहां कृषि सेक्‍टर के उद्योगों की स्‍थापना के व्‍यापक अवसर हैं। खाद्य प्रसंस्‍करण क्षेत्रजिले में तेजी से विकसित हो रहे खाद्य प्रसंस्‍करण क्षेत्र में प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की असीम संभावनायें हैं। जिले में धान, गेहूँ, चना, टमाटर, मसूर, सोयाबीन आदि फसलें उगाई जाती हैं। इनसे जुड़े आटा मिल, दाल मिल, तेल मिल, मसाला और सब्‍जी प्रसंस्‍करण इकाईयां जिले के विभिन्‍न हिस्से में छोटे और मध्‍यम स्‍तर पर विकसित हो चुके हैं। यहां 5 कोल्‍ड स्‍टोरेज सक्रिय हैं जो टमाटर, आलू, प्‍याज और सब्जियों के भंडारण में सहायक है। ग्रामीण महिला स्‍व-सहायता समूहों द्वारा भी आचार पापड़ मसाले और स्‍थानीय फल प्रसंस्‍करण जैसे उत्‍पाद तैयार किये जा रहे हैं। कटनी में कई इकाईयां एफएसएसएआई सर्टिफाइड पैकेजिंग एवं बारकोड ब्रांडिंग के साथ काम कर रहीं है। कटनी फूड्स, बहोरीबंद फार्म प्रोडक्‍ट्स, विजयराघवगढ़ मसाले जैसे ब्रांड लोकल बाजार, हाट, शासकीय आउटलेट और ऑनलाईन पोर्टल पर धूम मचा रहे हैं।

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