खबर डिजिटल/ लखनऊ: Vidya Bharati Science Fair 2024 विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान, देश की सबसे बड़ी गैर-सरकारी शैक्षिक संस्था है। जो सरस्वती शिशु मंदिर और विद्या मंदिरों के माध्यम से राष्ट्रभर में संस्कारयुक्त शिक्षा का प्रसार कर रही है। यह संस्था न केवल शैक्षिक विकास, बल्कि छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रयासरत रहती है, जिसमें खेलों के माध्यम से शारीरिक विकास और बौद्धिक प्रतियोगिताओं के माध्यम से मानसिक एवं बौद्धिक विकास शामिल है।
अलीगंज, लखनऊ के सेक्टर क्यू में आयोजित तीन दिवसीय क्षेत्रीय विज्ञान मेला, विद्या भारती के प्रयासों का एक और महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस मेले के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. सौरभ मालवीय ने बताया कि विद्या भारती संकुल, जिला, प्रांत और अखिल भारतीय स्तर तक वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतियोगिताओं का आयोजन करती है। इस विज्ञान मेले में क्षेत्रीय स्तर की चार प्रमुख प्रतियोगिताएँ—प्रश्न मंच, प्रयोग, प्रदर्शनी और पत्र प्रस्तुति—आयोजित की जाएंगी, जिनमें शिशु, बाल, किशोर और तरुण वर्ग के प्रतिभागी भाग लेंगे।
पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के 49 जनपदों से कुल 360 छात्र-छात्राएँ इस विज्ञान मेले में भाग लेंगे। इनके साथ 60 आचार्य, 70 निर्णायक और विद्या भारती के वरिष्ठ अधिकारी एवं गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहेंगे। मेले का उद्घाटन 15 अक्टूबर 2024 को अपराह्न 3 बजे उत्तर प्रदेश सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री माननीय अजीत पाल जी और क्षेत्रीय विधायक डॉ. नीरज बोरा जी द्वारा किया जाएगा। विद्या भारती के क्षेत्रीय संगठन मंत्री माननीय हेमचंद्र जी भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे।
16 अक्टूबर को सायं 6 बजे से 7:30 बजे तक “विज्ञान वार्ता” का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में वैज्ञानिक डॉ. एच.पी. सिंह और डॉ. जी.पी. सिंह उपस्थित रहेंगे। समापन समारोह 17 अक्टूबर को प्रातः 10:45 बजे विद्या भारती के अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री माननीय यतीन्द्र शर्मा और विधान परिषद के सदस्य पवन सिंह चौहान की गरिमामय उपस्थिति में संपन्न होगा। इस समारोह की अध्यक्षता विद्या भारती के अध्यक्ष दिव्यकान्त शुक्ल करेंगे, जहां विजेताओं को मेडल और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।
प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागी 13 से 17 नवंबर तक जयपुर, राजस्थान में आयोजित अखिल भारतीय प्रतियोगिता में भाग लेंगे। विद्या भारती का यह विज्ञान मेला न केवल छात्रों के शैक्षिक और बौद्धिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह वैज्ञानिक सोच और नवाचार को प्रोत्साहित करने का एक सशक्त माध्यम भी है।
1952 में सरस्वती शिशु मंदिर से शुरू हुई विद्या भारती आज विश्व की सबसे बड़ी गैर-सरकारी शैक्षिक संस्था बन चुकी है। इसका उद्देश्य समाज के दीन-दुखी और साधनहीन लोगों को शिक्षित करके आत्मनिर्भर बनाना है। विद्या भारती देशभर में प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा के विभिन्न स्तरों पर कार्य कर रही है और संस्कार केंद्रों एवं एकल विद्यालयों के माध्यम से सवेदनशील क्षेत्रों के छात्रों को भी शिक्षा प्रदान कर रही है।
विज्ञान मेले का उददेश्य:-
विद्यार्थियों में वैज्ञानिक प्रतिभा विकसित करने का अवसर प्रदान करने के लिए।
विज्ञान का समाज के विकास के साथ सम्बन्ध को बच्चों के ध्यान में लाने तथा उन्हें यह अनुभव करवाने के लिए कि वे कल के वैज्ञानिक हैं।
बच्चों मे उनके द्वारा तैयार किए जाने वाले प्रदशों के माध्यम से रचनात्मक अन्वेषण एवं संश्लेषण की क्षमता विकसित करने के लिए।
कक्षा कक्ष में विज्ञान के शिक्षण को प्रभावी बनाने के उददेश्य से।
सर्वसाधरण समाज में विज्ञान एवं वैज्ञानिक सोच को लोकप्रिय करने के लिए।
गणित-विज्ञान के क्षेत्र में भारत की प्राचीन एवं अर्वाचीन महान उपलब्धियों की जानकारी बच्चों तक पहुँचाते हुए उनमें अपने देश को उन्नत बनाने का संकल्प जागृत करने के लिए।
बच्चों को भारत की गौरवशाली संस्कृति का ज्ञान करवाने के उददेश्य से।