Friday, October 18, 2024
No menu items!
spot_img
Homeमध्यप्रदेशभोपालMP Kisan Nyay Yatra:  किसानों को न्याय दिलाने की मांग को लेकर,...

MP Kisan Nyay Yatra:  किसानों को न्याय दिलाने की मांग को लेकर, कांग्रेस ने बनायी न्याय यात्रा की रणनीति  

MP Kisan Nyay Yatra:  किसानों की मांग, गेहूं और धान के समर्थन मूल्य की तरह soybean bhav सोयाबीन के भाव 6000 रुपये प्रति क्विंटल दो.. इस मांग को लेकर कांग्रेस ने किसानों के साथ मिलकर मध्य प्रदेश में किसान न्याय यात्रा congress protest निकालने की तैयारी कर ली है। अब मध्यप्रदेश में कांग्रेस भाजपा सरकार BJP Government का प्रदेश स्तर पर घेराव कर, किसानों की मांग को पूरा कराएगी.. कांग्रेस ने न्याय यात्रा का रोड मैप तैयार कर लिया है, इसको लेकर 6 सितंबर 2024 को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता आयोजित की… पत्रकार वार्ता में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने बताया कि आज समूचे प्रदेश के किसान कह रहे हैं कि किसानों की आमदनी पर कर रही है वार शिवराज-मोहन-मोदी सरकार। 

किसानों से लूट-मोदी जी का दोगुनी आमदनी का झूठ : 

फरवरी 2016 में देश के प्रधानमंत्री ने उत्तरप्रदेश की बरेली की रैली में कहा कि किसान भाईयों वर्ष 2022 तक मैं आपकी आमदनी दोगुना कर दूंगा। मगर मोदी सरकार के ही नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि देश के किसानों की औसत आमदनी 27 रूपये प्रतिदिन रह गई है और औसत कर्ज प्रति किसान 74 हजार रूपये हो गया है। यह इसलिए हुआ कि बीते दस वर्षों में खेती की लागत 25 हजार रूपये हेक्टेयर बढ़ा दी गई। टेक्टर व खेती के उपकरणों पर 12 प्रतिशत जीएसटी, खाद पर 5 प्रतिशत, कीटनाशक दवाईयों पर 18 प्रतिशत, डीजल की कीमत 35 रूपये प्रति लीटर बढ़ गई।    

झूठ में दिया साथ-शिवराज ने भी किया किसानों से आघात :
  
अप्रैल 2023 में मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान जी ने प्रधानमंत्री जी की मौजूदगी में रीवा के पंचायती राज सम्मेलन में यह घोषणा की थी कि मध्यप्रदेश में किसानों की आमदनी दोगुना कर दी गई है। जबकि मार्च 2022 में केंद्रीय संसदीय समिति ने यह रिपोर्ट लोकसभा में दी कि मध्यप्रदेश एक ऐसा प्रांत हैं, जिसमें किसानों की आमदनी 2015-16 की तुलना में 9740 रूपये से घटकर 8339 रूपये प्रतिमाह प्रति परिवार रह गई है। 

झूठ बोलते हैं तो आवाज भारी रखते हैं-अगले झूठ की तैयारी रखते हैं :

    मोदी सरकार की फैक्ट्री में बनने वाले झूठ के सबसे बड़े डीलर शिवराज सिंह चौहान जी और प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव जी है।   मध्यप्रदेश का चुनाव जीतने के लिए प्रदेश के किसानों से अपने घोषणा-पत्र में झूठ बोला कि चुनाव जीतने पर गेहूं का समर्थन मूल्य 2700 रूपये प्रति क्विंटल और धान का समर्थन मूल्य 3100 रूपये प्रति क्विंटल किया जायेगा। चुनाव जीतते ही किसानों को धोखा दे दिया। 

लागत से भी कम मिल रहे हैं सोयाबीन के दाम : 

आज मध्यप्रदेश में सोयाबीन का भाव लगभग 4000 रूपये प्रति क्विंटल पहुंच गया है। जबकि उसका समर्थन मूल्य 4892 रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है, जो कि पहले ही अपर्याप्त है। मोदी सरकार ने सोयाबीन का समर्थन मूल्य तय करते वक्त इसका लागत मूल्य 3261 रूपये निर्धारित किया है। जबकि मध्यप्रदेश ने लागत और मूल्य आयोग को पहले ही सूचित किया था कि मध्यप्रदेश में सोयाबीन की उत्पादन लागत 4455 रूपये प्रति क्विंटल आती है, वहीं महाराष्ट्र में यह लागत 6039 रूपये प्रति क्विंटल बतायी थी।  लागत और मूल्य आयोग ने खुद अपनी 2024-25 की खरीफ की रिपोर्ट में बताया है कि भारत में औसत सोयाबीन का कास्ट ऑफ प्रोडक्शन (ए 2 $ एफएल) 4853 रूपये वर्ष 2022-23 के लिए मूल्यांकित किया गया था। समर्थन मूल्य तय करने वाला आयोग खुद कहता है कि लागत निकालने के लिए जो सैम्पल साईज लिया जाता है, वह अपर्याप्त है, इसलिए लागत मूल्य सहीं नहीं निकलता।

आयोग ने माना मप्र के लिए समर्थन मूल्य सही नहीं :
 
लागत और मूल्य आयोग ने हाल ही में जारी की गई अपनी रिपोर्ट में एक चार्ट के माध्यम से बताया है कि मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में सोयाबीन के लिए लागत आयोग द्वारा कम आंकी जाती है, जबकि राज्य में वह अधिक आती है। 
भारत में महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश सोयाबीन उत्पादन के लिए दो सबसे बड़े प्रांत हैं, उसके बाद राजस्थान और फिर कर्नाटक आता है। 

सोयाबीन किसानों से धोखा-समर्थन मूल्य का नहीं मिलेगा मौका :

मध्यप्रदेश के साथ मोदी सरकार और प्रदेश के मुख्यमंत्री तथा मध्यप्रदेश से आने वाले देश के कृषि मंत्री ने बीते 5 सितम्बर को मध्यप्रदेश के साथ बहुत बड़ा धोखा किया है। कृषि मंत्रालय ने ट्वीट करके यह जानकारी दी है कि प्राईज सपोर्ट स्कीम के माध्यम से सोयाबीन की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जायेगी। मगर सिर्फ कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना में मध्यप्रदेश को इस योजना से बाहर रखा गया है। प्रदेश के साथ सौतेला व्यवहार करते हुये उसके साथ कुठाराघात किया गया। 

तेल का खेल-धन्नासेठों से मेल : 

प्रधानमंत्री ने वर्ष 2015 में लाल किले की प्राचीर से भाषण दिया था कि किसान भाईयों खाने का तेल विदेशों से मंगाना पड़ता है और आप लोग आईल सीड्स का उत्पादन अच्छा कीजिए, ताकि विदेशों से खाने का तेल न मंगाना पड़े। जबकि सच्चाई यह है कि नियोजित रूप से सोयाबीन के खाने के तेल की इंपोर्ट ड्यूटी 17.5 प्रतिशत से घटाकर 13.75 प्रतिशत की गई और सोयाबीन क्रूड आईल पर कोई बेसिक कस्टम ड्यूटी नहीं लगती सिर्फ एज्युकेशन और इन्फ्रासेस से     5.5 प्रतिशत टैक्स लगाया जाता है। जिसका परिणाम यह हुआ कि सोयाबीन का तेल 2013-14 में 13.5 लाख टन विदेशों से मंगाया जाता था जो 2022-23 तक बढ़कर 38.5 लाख टन हो गया है। भारत जहां इस तेल को मंगाने के लिए वर्ष 2013-14 में 8 हजार करोड़ रूपये खर्च करता था, वहां आज उसे 2022-23 में 47 हजार करोड़ रूपये करने पड़ रहे हैं। यह खेल कुछ मोटे तेल के व्यापारियों के लिए खेला जा रहा है, जिससे सोयाबीन सहित सभी तिलहन पैदा करने वाले किसानों को लागत मूल्य भी नहीं मिलता। 

किसान न्याय यात्रा का आगाज-समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की उठायेंगे आवाज :  
    
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने बताया कि देश के मूर्धन्य नेता राहुल गांधी जी लगातार उपरोक्त सभी कारणों की वजह से किसानों की फसलों के लिए समर्थन मूल्य के कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। हम इस मांग को और किसानों के साथ हो रहे अन्याय को मुखरता से उठायेंगे और प्रदेश के हर जिले में किसान न्याय यात्रा निकालेंगे, जिसका आगाज आगामी 10 सितम्बर 2024 को मंदसौर जिले के गरोठ से किया जायेगा, फिर यह यात्रा 13 सितम्बर को टिमरने से होशंगाबाद, 15 सितम्बर को आगर मालवा, 22 सितम्बर को इंदौर में आयोजित होगी। समानांतर रूप से प्रदेश की सभी जिला कांग्रेस इकाईयां अपनी निर्धारित तिथि अनुसार प्रत्येक जिलों में यह किसान न्याय यात्रा निकालेंगी। 

admin
adminhttps://khabardigital.com
खबर डिजिटल का उद्देश्य आधुनिक तकनीक के माध्यम से ताजातरीन खबरें और घटनाओं की सूचनाएं लोगों तक पहुंचाना था। शुरुआत में इस पोर्टल ने उत्तर प्रदेश में समाचार कवरेज की, और जल्द ही यह राष्ट्रीय स्तर पर प्रसारित होने लगा। अभी उत्तरप्रदेश, उत्तरखंड, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ राजस्थान, गुजरात समीर हिंदी भाषी राज्यों में प्रमुखता प्रसारण चल रहा है।
सम्बंधित ख़बरें

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img

लेटेस्ट