लखनऊ : होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया (एचएमएसआई) ने एक नई पहल करते हुए डिजिटल रोड सेफ्टी लर्निंग प्लेटफॉर्म “ई-गुरुकुल” लॉन्च किया है। यह कदम सड़क सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने और इसे समाज में एक स्थायी संस्कृति बनाने की दिशा में उठाया गया है। इस अवसर पर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, माननीय श्री नितिन गडकरी ने विशेष रूप से उपस्थिति दर्ज कराई।
तीन आयु वर्गों के लिए तैयार मॉड्यूल
ई-गुरुकुल को विभिन्न आयु वर्गों के लिए अनुकूलित किया गया है:
- 5-8 वर्ष: 7 मिनट का मॉड्यूल
- 9-15 वर्ष: 9 मिनट का मॉड्यूल
- 16-18 वर्ष: 7 मिनट का मॉड्यूल
इस प्लेटफॉर्म को हिंदी, कन्नड़, मलयालम, तेलुगु, तमिल, और अंग्रेजी सहित कई भाषाओं में उपलब्ध कराया गया है, ताकि यह हर क्षेत्र और वर्ग के लिए सुलभ हो सके। इसे egurukul.honda.hmsi.in पर ऑनलाइन एक्सेस किया जा सकता है।
बहुआयामी पहुँच और विशेषताएँ
ई-गुरुकुल को टियर-1 शहरों के लिए लाइव स्ट्रीमिंग और टियर-2 शहरों के लिए डाउनलोड करने योग्य कंटेंट के साथ पेश किया गया है। इस पहल में राज्य सरकारों और होंडा के प्रतिनिधियों ने सक्रिय भूमिका निभाई है।
होंडा इंडिया फाउंडेशन की भूमिका
श्री विनय धींगरा (सीनियर डायरेक्टर- एचआर एंड एडमिनिस्ट्रेशन, ट्रस्टी, होंडा इंडिया फाउंडेशन) ने कहा: “सड़क सुरक्षा हमेशा से होंडा की प्राथमिकता रही है। ई-गुरुकुल बच्चों में सड़क सुरक्षा की सोच विकसित करने के लिए एक अहम कदम है। हमारा उद्देश्य उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनाना और 2050 तक ‘सड़क दुर्घटनाओं में शून्य मृत्यु’ के लक्ष्य की ओर बढ़ना है।”
होंडा की सीएसआर पहल
एचएमएसआई सड़क सुरक्षा को अपनी कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) के तहत प्राथमिकता देती है। कंपनी देशभर में 10 ट्रैफिक ट्रेनिंग पार्क्स और 6 सेफ्टी ड्राइविंग एजुकेशन सेंटर्स के जरिए जागरूकता बढ़ा रही है। अब तक 85 लाख से अधिक लोगों ने इन कार्यक्रमों का लाभ उठाया है।
स्कूल और समुदायों के लिए
यह पहल स्कूलों और समुदायों को जोड़कर सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। जो स्कूल इस कार्यक्रम में शामिल होना चाहते हैं, वे Safety.riding@honda.hmsi.in पर संपर्क कर सकते हैं।
निष्कर्ष
होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया की यह पहल न केवल सड़क पर सुरक्षित व्यवहार को बढ़ावा देगी, बल्कि एक जिम्मेदार समाज के निर्माण में भी योगदान देगी। ई-गुरुकुल न सिर्फ जागरूकता का माध्यम बनेगा, बल्कि अगली पीढ़ी को सुरक्षित भविष्य की राह दिखाएगा।