भारत के सबसे प्रभावशाली विचारकों, परिवर्तनकर्ताओं और नवप्रवर्तकों ने जलवायु संवर्धन, ग्रामीण समृद्धि और सतत विकास के समाधानों पर चर्चा की।
मुंबई : मंथन 2025 – राष्ट्र निर्माण के लिए वैश्विक संवाद इमेजिनेरियम, आवास, अलीबाग, महाराष्ट्र में सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। इस ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन में दुनिया के कुछ सबसे प्रभावशाली विचारक, परिवर्तनकर्ता और नवप्रवर्तक एक साथ आए। ग्लोबल विकास ट्रस्ट द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में भारत के सतत विकास और राष्ट्र निर्माण में आने वाली चुनौतियों के समाधान पर विशेष ध्यान दिया गया। चर्चा के मुख्य विषयों में ग्रामीण समृद्धि, जलवायु कार्रवाई, अभिनव संसाधन प्रबंधन, युवा नेतृत्व और प्रभावशाली भागीदारी शामिल थे।
ग्लोबल विकास ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी श्री मयंक गांधी और सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष श्री सुशील जिवराजका के दूरदर्शी नेतृत्व में मंथन 2025 ने भारत के सतत विकास पथ पर एक महत्वपूर्ण संवाद स्थापित किया। इस मंच के माध्यम से विचार किया गया कि भारत अपनी ताकतों का अधिकतम उपयोग कैसे कर सकता है, अपनी चुनौतियों का समाधान कैसे खोज सकता है और अपने सभी नागरिकों के लिए सतत और न्यायसंगत भविष्य कैसे सुनिश्चित कर सकता है।
शिखर सम्मेलन के प्रमुख वक्तव्य:
ग्लोबल विकास ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी श्री मयंक गांधी ने कहा,
“मंथन सिर्फ एक संवाद नहीं, बल्कि हर भारतीय की आकांक्षाओं को संरेखित करने का एक आंदोलन है। साथ मिलकर, हम ग्रामीण भारत की कहानी को नए सिरे से लिख सकते हैं और एक मजबूत, आत्मनिर्भर राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं।”
ग्लोबल विकास ट्रस्ट के सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष श्री सुशील जिवराजका ने कहा,
“यह शिखर सम्मेलन आशा की एक किरण है, जो विविध विचारों को एक साझा दृष्टि के साथ जोड़ता है। यह एक अवसर है विचार-मंथन का, जिससे हम आने वाली चुनौतियों के लिए ठोस समाधान तैयार कर सकें।”
शिखर सम्मेलन के प्रमुख सत्र और चर्चाएँ:
1. राष्ट्रीय चुनौतियों की रूपरेखा: ग्रामीण समृद्धि और जलवायु संकट
शिखर सम्मेलन का शुभारंभ श्री सुशील जिवराजका की अध्यक्षता में हुआ, जिसमें राजेंद्र सिंह, सत्य त्रिपाठी और रामदेव अग्रवाल जैसे विशेषज्ञों ने ग्रामीण समृद्धि और जलवायु परिवर्तन के आपसी संबंधों पर चर्चा की।
2. स्टोरीज फ्रॉम द ग्राउंड
इस सत्र में श्री मयंक गांधी ने जमीनी स्तर पर परिवर्तन लाने वाली प्रेरक पहल साझा कीं। प्रतिभागियों को वास्तविक दुनिया के सफल समाधान देखने का अवसर मिला।
अतिरिक्त प्रभावशाली सत्र:
- रचनात्मक संसाधन प्रबंधन (श्री विशाल तुलस्यान की अध्यक्षता में)
- साझेदारी – राष्ट्रीय और वैश्विक (श्री आशीष सिंह की अध्यक्षता में)
- मिट्टी से फसल तक (श्री नंदकिशोर कागलीवाल की अध्यक्षता में)
- डाई विद ज़ीरो (श्री अमिताभ जयपुरिया की अध्यक्षता में)
- फसल का बिक्री-सहयोग (श्री विवेक भारती की अध्यक्षता में)
- जलवायु चुनौती और भारत की भूमिका (श्री सत्य त्रिपाठी की अध्यक्षता में)
- युवा विश्व के उत्तराधिकारी बनेंगे (श्री विवेक की अध्यक्षता में)
- जलवायु निधि (श्री सत्य त्रिपाठी की अध्यक्षता में)
समापन और निष्कर्ष
शिखर सम्मेलन का समापन श्री वल्लभ भंसाली के नेतृत्व में आगे का रास्ता और श्री मयंक गांधी, श्री सुशील जिवराजका, श्री वल्लभ भंसाली, श्री सत्य त्रिपाठी, और श्री रामदेव अग्रवाल की सहभागिता में मुक्त प्रवाह वार्तालाप और निष्कर्ष के साथ हुआ। इन चर्चाओं ने प्रतिभागियों को सम्मेलन में हुई प्रमुख बातों पर विचार करने और राष्ट्र निर्माण की दिशा में ठोस कदम उठाने के लिए प्रेरित किया।
भारत के सतत विकास के लिए एक नया संकल्प
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के उत्साहपूर्ण गायन के साथ हुआ, जो भारत के सतत और समतापूर्ण भविष्य के निर्माण हेतु सामूहिक प्रतिबद्धता का प्रतीक है। मंथन 2025 ने भारत की सतत विकास यात्रा में एक नया अध्याय जोड़ा और यह आशा की जाती है कि इस संवाद से निकले विचार और समाधान राष्ट्र को एक उज्जवल भविष्य की ओर ले जाने में सहायक सिद्ध होंगे।