Thursday, January 30, 2025
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एएसआरटीयू, बीओसीआई और एआइएमटीसी ने 24 जनवरी को “ड्राइवर्स डे” के रूप में घोषित किया

• भारत के परिवहन क्षेत्र के असली नायकों का सम्मान
• ऑपरेटर्स से अपील : अपने ड्राइवर्स का सम्‍मान करें और इस खास दिन का जश्‍न मनायें
• एएसआरटीयू, बीओसीआई और एआइएमटीसी द्वारा समर्थित पहल

मुंबई : भारत के परिवहन क्षेत्र में वाणिज्यिक वाहनों के 12 मिलियन से अधिक और यात्री वाहनों के अनगिनत ड्राइवर हैं, जो पूरे देश में सामानों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने और लोगों की आवाजाही के लिए दिन-रात काम करते हैं। वे हमारी अर्थव्यवस्था और समाज की असली ताकत हैं। ड्राइवर ग्रामीण और शहरी भारत को जोड़ते हैं, जिससे दोनों क्षेत्रों के बीच विकास होता है। वे करोड़ों लोगों को उनकी मंजिल तक पहुंचाने में मदद करते हैं। उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए एसोसिएशन ऑफ़ स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग्स (एएसआरटीयू), बस ऐंड कार ऑपरेटर्स कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडिया (बीओसीआई) और ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) ने 24 जनवरी को ‘ड्राइवर्स डे’ के रूप में घोषित किया है।

भारत विश्व की सबसे बड़ी सड़क परिवहन प्रणालियों में से एक का परिचालन करता है। यहाँ 1.5 मिलियन से अधिक बसें निजी परिचालकों द्वारा चलाई जा रही हैं और 1,50,000 बसें राज्य सड़क परिवहन उपक्रमों (एसआरटीयू) के अधीन चल रही हैं। इन बसों से हर रोज 7 करोड़ से अधिक यात्री सफर करते हैं। इसके अलावा वाणिज्यिक ट्रक ड्राइवर देश के लगभग 70% माल की ढुलाई संभाल रहे हैं। उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के बावजूद ड्राइवर्स को लगातार लम्बे समय तक काम करने, खराब बुनियादी सुविधाओं, सुरक्षा संबंधी खतरों और कल्याणकारी योजनाओं की सीमित सुलभता जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। अधिकतर सड़क दुर्घटनाओं में भारी वाहन शामिल होते हैं जिसका एक मुख्य कारण ड्राइवर की थकान है। सरकार ने सुरक्षा और कार्यकुशलता में सुधार के लिए हाईवे रेस्ट स्टॉप्स जैसी विभिन्‍न पहलों और व्‍हीकल टेलीमैटिक्स जैसी तकनीकी पहलों की घोषणा की है। जहाँ ये पहल एक सकारात्मक कदम हैं, वहीं अभी भी काफी काम किया जाना बाकी है।

24 जनवरी को प्रस्तावित “ड्राइवर्स डे” के अवसर पर, एएसआरटीयू, एआइएमटीसी और बीओसीआई सभी हितधारकों – सरकारी संगठनों, निजी परिचालकों, और आम जनता – से ड्राइवर्स को फूल या प्रशंसा-पत्र देकर उनका सम्मान और करने एवं उनके अमूल्य योगदान को स्वीकार करने का आग्रह कर रहा है।

एएसआरटीयू के कार्यकारी निदेशक, डॉ. टी. सूर्य किरण ने कहा कि, “ड्राइवर करोड़ों यात्रियों की सुरक्षा के संरक्षक हैं, जो हर दिन उनकी देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। उनके कठिन परिश्रम से भारत जुड़ा रहता है – चाहे किसी स्टूडेंट को स्कूल पहुँचना हो, मरीज को अस्पताल जाना हो, या उद्योगों और घरों के लिए माल की डिलीवरी हो, इन सभी में ड्राइवर्स की भूमिका अहम होती है। उनके योगदान को स्वीकार करने और उनका जीवन बेहतर बनाने से उनके पेशे में सम्‍मान, सुरक्षा और गर्व की संस्कृति आगे बढ़ेगी। यह पहल केवल स्वीकृति ही नहीं, बल्कि उनके कल्याण के लिए वास्तविक बदलाव को आगे बढाने के लिए है।”

बीओसीआई के प्रेसिडेंट, श्री प्रसन्ना पटवर्धन ने कहा कि, “ड्राइवर्स डे केवल प्रतीकात्मक आभार नहीं है, बल्कि हमारे समाज और अर्थव्यवस्था में ड्राइवरों की महत्वपूर्ण भूमिका को लोगों के सामने लाने की दिशा में एक सार्थक कदम है। उनके अथक प्रयासों से प्रगति के पहिए आगे बढ़ते रहते हैं, जिसे वे अक्सर चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में अंजाम देते हैं। हमें उनकी कठिनाइयों को दूर करके, बेहतर कामकाजी माहौल प्रदान करके और उन्हें सफल होने के लिए आवश्यक टूल्‍स एवं प्रशिक्षण देकर उनकी सेहत को प्राथमिकता देनी चाहिए। आइए, इस खास दिन पर हम ड्राइवरों के साथ गरिमा और सम्मान के साथ पेश आने का संकल्प लें, जिसके वे हकदार हैं।”

माल और यात्री, दोनों के परिवहन का शीर्ष संगठन, ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआइएमटीसी) ने भी इस पहल का समर्थन किया है। इस संगठन ने समुदाय के सम्मान में एक विशेष कार्यक्रम की योजना बनाई है। एआईएमटीसी के प्रेसिडेंट, डॉ. हरीश सभरवाल ने कहा कि, “राष्ट्रीय चालक दिवस को हर साल 24 जनवरी के दिन देश भर में पूरे आनंद और उत्साह से मनाया जाएगा। इस दिन हम अपने ड्राइवर बंधुओं का सम्मान और उत्साहवर्द्धन करेंगे। ड्राइवर्स के लिए एक विशेष दिन को समर्पित करने से उनका हौसला बढेगा और वे अपने काम को एक सम्मानजनक पेशे के रूप में देख सकेंगे। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि एआईएमटीसी ने लायंस इंटरनेशनल क्लब के साथ एक महत्वपूर्ण अनुबंध किया है जिसके तहत देश भर में हमारे ड्राइवर्स के लिए स्वास्थ्य जाँच, नेत्र जाँच, और मोतियाबिंद के मुफ्त ऑपरेशन के शिविर आयोजित किये जायेंगे। इसके अलावा, हम ड्राइवर्स के लिए 5,00,000 रुपये के इंश्‍योरेंस के लिए बीमा कंपनियों के साथ सहयोग की योजना बना रहे हैं और इसे जल्‍द ही लागू करने के लिए काम कर रहे हैं।”

ड्राइवर्स प्रगति के वाहक हैं। वे दूर-दराज के इलाकों को संयोजित करते हुए लोगों और सामानों को भारत के विस्तृत भूभाग तक पहुंचाते हैं। वर्ष 2047 तक विकसित भारत के निर्माण के लिए उनके प्रयासों का समर्थन और सम्मान करना महत्वपूर्ण है। 24 जनवरी के दिन आइए, हम ड्राइवर्स डे मनायें और सड़कों के इन गुमनाम बहादुरों का सम्मान करें और इस प्रकार अपने राष्ट्र के लिए एक ज्यादा सुरक्षित, कुशाल एवं स्‍थायी परिवहन सिस्‍टम के निर्माण के लिए खुद को समर्पित करें।

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