रुपए में गिरावट थामने को एनआरआई की मदद ले सकती है सरकार

नई दिल्ली। रसातल में जा रहे रुपए को थामने के लिए केंद्र सरकार अब पुराना आजमाया हुआ नुस्खा फिर से अपनाने पर विचार कर रही है। यह नुस्खा है प्रवासी भारतीयों से डॉलर जमा करवाने का। इसके लिए सरकार आने वाले दिनों में एनआरआई डिपॉजिट स्कीम लांच करने के विकल्प पर विचार कर रही है। दूसरा विकल्प सरकारी बैंकों के जरिये एनआरआई बांड्स जारी करने का भी हो सकता है। सरकार और रिजर्व बैंक जल्द ही इस संबंध में कदम उठा सकते हैं।

डॉलर के मुकाबले रुपया सोमवार को 72 पैसे गिरकर 72.46 रुपए प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच गया। 2018 में अब तक डॉलर के मुकाबले रुपए के मूल्य में 13 फीसद गिरावट आ चुकी है। कच्चे तेल का भाव बढ़ने और चालू खाते का घाटा लगातार बढ़ने के चलते रुपए के मूल्य में गिरावट आ रही है। रुपए को थामने के लिए आरबीआई अपने विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल कर सकती है लेकिन हाल के दिनों में देखा गया है कि केंद्रीय बैंक ऐसा करने को लेकर खास उत्साहित नहीं हैं।

यही वजह है कि सरकार को विदेशी मुद्रा जुटाने के लिए इस तरह के विकल्पों पर विचार करना पड़ रहा है। इससे पहले भी विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने के लिए सरकार यह रास्ता आजमा चुकी है। 1995-96 में क्रूड के महंगा होने के कारण तेल पूल घाटे के असर को थामने के लिए यही कदम उठाया गया था। 1998 में परमाणु परीक्षण और उसके बाद 2013 में भी ऐसा कदम उठाया गया था। इससे डॉलर का प्रवाह बढ़ा था और रुपए को मजबूत बनाने में भी मदद मिली थी।

सूत्रों ने कहा कि सरकार और रिजर्व बैंक प्रत्येक विकल्प पर विचार कर रहे हैं। आरबीआइ ने हाल के महीनों में रुपए को गिरने से बचाने के लिए कई कदम उठाए हैं और जरूरत पड़ने पर आगे भी उठाए जाएंगे। हालांकि आरबीआइ ने आक्रामक ढंग से बाजार में डॉलर की बिक्री नहीं शुरू की है। इसकी वजह यह है कि दूसरे विकासशील देशों की मुद्राओं में भी डॉलर के मुकाबले गिरावट का रुख है।

ऐसे में अगर भारत रुपए की गिरावट को थाम लेता है तो इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में हमारे निर्यात पर उल्टा असर पड़ेगा। वैसे आरबीआइ के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश भी सकारात्मक रूप से देश में आ रहा है।

Share:


Related Articles


Leave a Comment