इंदौर : माउंट एवरेस्ट फतह कर मध्य प्रदेश का नाम रोशन करने वाली पर्वतारोही भावना डेहरिया को अब राज्य के प्रतिष्ठित विक्रम अवॉर्ड से सम्मानित किए जाने का रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने सोमवार को उनके चयन को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी और राज्य सरकार के निर्णय को सही ठहराया।
न्यायमूर्ति प्रणय वर्मा ने आदेश सुनाते हुए कहा कि 2023 के एडवेंचर स्पोर्ट्स कैटेगरी के लिए राज्य सरकार द्वारा लिया गया निर्णय नियमों के अनुरूप है और इसमें कोई त्रुटि नहीं है।
⚖️ याचिका खारिज होने का कारण
- याचिकाकर्ता: मधुसूदन पाटीदार।
- याचिका का आधार: पाटीदार ने दावा किया था कि वे भावना डेहरिया से वरिष्ठ हैं और उन्हें ही पुरस्कार मिलना चाहिए।
- न्यायालय का फैसला: न्यायालय ने पाया कि पाटीदार का एवरेस्ट आरोहण वर्ष 2017 का है, जो मध्य प्रदेश पुरस्कार नियम, 2021 के अनुसार निर्धारित पाँच वर्ष की पात्रता अवधि से बाहर है। नियम 5 के अनुसार, एडवेंचर स्पोर्ट्स कैटेगरी में केवल पिछले पाँच वर्षों की उपलब्धियों को ही मान्य किया जा सकता है।
- निष्कर्ष: अदालत ने पाटीदार के दावे को निर्मूल (निराधार) पाया, क्योंकि वे 2023 के पुरस्कार के लिए पात्र ही नहीं थे।
मामले में भावना डेहरिया की ओर से एडवोकेट अनुनय श्रीवास्तव और राज्य सरकार की ओर से डिप्टी एडवोकेट जनरल श्रेय राज सक्सेना ने प्रभावी तरीके से पक्ष रखा।
👑 भावना डेहरिया की उपलब्धियाँ और सम्मान
छिंदवाड़ा जिले के तामिया गाँव की निवासी भावना डेहरिया, पर्वतारोहण के क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलता के लिए यह पुरस्कार प्राप्त करेंगी:
- ऐतिहासिक गौरव: वह एडवेंचर स्पोर्ट्स कैटेगरी में विक्रम अवॉर्ड पाने वाली पहली महिला भी बनेंगी। वह मध्य प्रदेश से एवरेस्ट फतह करने वाली प्रथम महिलाओं में शामिल हैं।
- पाँच महाद्वीपीय चोटियाँ: उन्होंने दुनिया के पाँच महाद्वीपों की सबसे ऊँची चोटियों पर भारत का तिरंगा फहराया है, जिनमें शामिल हैं:
- माउंट एवरेस्ट (एशिया)
- किलिमंजारो (अफ्रीका)
- कोज़िउस्को (ऑस्ट्रेलिया)
- एलब्रस (यूरोप)
- अकोंकागुआ (दक्षिण अमेरिका)
- सामाजिक भूमिका: वह और उनकी चार वर्षीय बेटी सिद्धि, ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान की ब्रांड एंबेसडर भी हैं।
- गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड: उन्होंने भारतीय हिमालय को वैश्विक स्तर पर प्रोत्साहित करने के लिए एक अनूठा गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड भी हासिल किया है।
भावना डेहरिया ने इस पुरस्कार को अपने साहस, लगन और पर्वतारोहण में समर्पण का सम्मान बताया। राज्य सरकार जल्द ही उन्हें आधिकारिक समारोह में सम्मानित करेगी।


