नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि पड़ोसी देशों के नेताओं के बीच पड़ोसियों जैसे संबंध ही होने चाहिए जो किसी प्रोटोकॉल से न बंधे हों। प्रधानमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बांग्लादेश में तीन आधारभूत परियोजनाओं का संयुक्त रूप से शुभारंभ करते हुए यह टिप्पणी की।
तीनों परियोजनाओं का मोदी, उनकी बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने संयुक्त रूप से उद्घाटन किया। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके बांग्लादेशी समकक्ष भी इस मौके पर उपस्थित थे। इन परियोजनाओं में वर्तमान भेरामार (बांग्लादेश)-बहरामपुर (भारत) इंटरकनेक्शन के जरिये भारत द्वारा बांग्लादेश को 500 मेगावाट की अतिरिक्त बिजली मुहैया कराना, अखौरा-अगरतला रेल लिंक और बांग्लादेश रेलवे के कुलौरा-शाहबाजपुर खंड का पुनरुद्धार शामिल है।
इस मौके पर मोदी ने काठमांडू में बिम्सटेक सम्मेलन, शांति निकेतन और लंदन में राष्ट्रमंडल सम्मेलन सहित शेख हसीना से हुईं कई हालिया मुलाकातों को याद किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी और बांग्लादेशी प्रधानमंत्री के बीच अक्सर होने वाली बातचीत से निकटता जाहिर है।
मोदी ने 1965 से पहले की तरह दोनों देशों के बीच संपर्क बहाल करने के हसीना के विजन को याद करते हुए कहा कि पिछले कुछ साल में इस लक्ष्य की प्राप्ति में हुई क्रमिक प्रगति से वह खुश हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब परियोजनाओं की शुरुआत वीडियो लिंक के जरिये की जाती है तो वे वीआइपी यात्राओं की टाइमिंग में नहीं फंसतीं।
पीएम मोदी ने कहा, ‘हमने अपने ऊर्जा संपर्क को बढ़ाया और अपने रेल संपर्क को बढ़ाने के लिए दो परियोजनाएं शुरू कीं।’ उन्होंने याद किया कि 2015 में उनकी बांग्लादेश यात्रा के दौरान यह फैसला किया गया था कि भारत बांग्लादेश को 500 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की आपूर्ति करेगा। इसे पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के बीच ट्रांसमिशन संपर्क का इस्तेमाल करते हुए किया जा रहा है। इस काम को पूरा करने में मदद करने के लिए उन्होंने ममता बनर्जी का शुक्रिया अदा किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस परियोजना के पूरी होने से अब भारत से बांग्लादेश को 1.16 गीगावाट बिजली की आपूर्ति की जा रही है। मेगावाट से गीगावाट के बीच यह उछाल दोनों देशों के बीच संबंधों में एक ‘स्वर्णिम युग’ का संकेत है। अखौरा-अगरतला रेल लिंक दोनों देशों के बीच सीमा के आर-पार एक और संपर्क प्रणाली मुहैया कराएगा।
भारत और श्रीलंका के लोगों के बीच बढ़े संपर्क-
प्रधानमंत्री ने सोमवार को भारत और श्रीलंका के लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने का आह्वान करते हुए कहा कि इससे दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत होंगे। प्रधानमंत्री ने यह टिप्पणी श्रीलंकाई संसद में विभिन्न पार्टियों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान की