Wednesday, December 18, 2024
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Homeमध्यप्रदेशभोपालहर बच्चे का सपना ही हो उसका ‘एवरेस्ट' - भावना डेहरिया

हर बच्चे का सपना ही हो उसका ‘एवरेस्ट’ – भावना डेहरिया

केन्द्रीय विद्यालय क्रमांक-3 में वार्षिक खेल दिवस 2024 का आयोजन

भोपाल : दानिश नगर स्थित पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय भोपाल क्रमांक-3 (शिफ्ट-1) में बुधवार सुबह वार्षिक खेल दिवस 2024 का आयोजन किया गया। इसमें खेल और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का अद्भुत संगम देखने को मिला। इस अवसर पर पर्वतारोही भावना डेहरिया बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहीं। भावना डेहरिया ने अपनी मोटिवेशनल स्पीच में विद्यार्थियों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि मैंने स्कूल के दौरान 7वीं कक्षा में एवरेस्ट पर चढ़ने का सपना देखा था और अपने दृढ़ निश्चय से उसे पूरा भी किया। आप सभी का करियर और लाइफ को लेकर भी कोई मोटिव या गोल जरूर होना चाहिए। आप उसे ही अपना ‘एवरेस्ट’ माने और जरूर हासिल करें। खेल हमारे आत्मविश्वास को जगाने और टीमवर्क को मजबूत करने का सबसे बेहतरीन जरिया है। भावना ने अपने पर्वतारोहण से जुड़े अनुभव साझा करते हुए विद्यार्थियों को बड़े सपने देखने का संदेश दिया। इस अवसर पर उनकी बेटी सिद्धी मिश्रा भी उनके साथ उपस्थित रहीं जो एवरेस्ट बेसकैंप पर पहुंचने वाली सबसे कम उम्र की बच्ची है।

शिवाजी हाउस बना चैंपियन, खेलो इंडिया सॉन्ग पर थिरके स्टूडेंट
विद्यालय के अशोका हाउस, टैगोर हाउस, रमन हाउस और शिवाजी हाउस के बीच विभिन्न खेल गतिविधियों का आयोजन किया गया। इसमें खिलाड़ियों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। विभिन्न खेलों में शिवाजी हाउस ओवरऑल चैंपियन बना। खेलों के अलावा स्टूडेंट्स ने जोशीले वर्ल्ड कप सॉन्ग, ब्राजील और खेलो इंडिया सॉन्ग पर फ्यूजन डांस प्रस्तुत भी दी। इसके बाद अनुशासन और टीमवर्क का शानदार प्रदर्शन करते हुए मार्च पास्ट में मुख्य अतिथि को सलामी दी। पॉम-पॉम ड्रिल ने उत्साह और तालमेल से दर्शकों का दिल जीता। वहीं, समापन पर प्रस्तुत खलासी सॉन्ग के फ्यूजन ने कार्यक्रम को यादगार बना दिया। इन प्रस्तुतियों ने न केवल माहौल को जोश और ऊर्जा से भर दिया, बल्कि छात्रों की प्रतिभा और समर्पण को भी दर्शाया। खेल प्रतियोगिताओं में जीते खिलाड़ियों को भावना डेहरिया और प्राचार्य ने पदक और प्रमाण-पत्र से सम्मानित किया गया।

जीत को शालीनता से और हार को सीख के साथ स्वीकारें – प्राचार्य
विद्यालय के प्राचार्य श्री जितेंद्र सिंह रावत ने अपने उद्बोधन में कहा कि खेल स्वास्थ्य के साथ व्यक्तित्व और सामाजिक विकास के लिए भी जरूरी है। खेल भावना और अनुशासन जीवन के हर क्षेत्र में काम आता है। खेल हमें जीत को शालीनता से और हार को सीख के साथ स्वीकार करना सिखाते हैं। इसलिए खेलों में प्रतिभागिता करना भी बहुत महत्वपूर्ण होता है।

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