छतरपुर : आरटीओ कि नाक के नीचे यानी परिवहन कार्यालय के इर्द गिर्द खुले आम दलाली के नाम पर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है, यहाँ फर्जी शील से लेकर फर्जी हस्ताक्षर तक का धंदा खूब फल फूल रहा है और कोई भी रोकन हार नहीं है। रोकने कि जरूरत इसलिए भी नहीं है क्योंकि इस खेल मे सभी कि “पांचो उंगलियां घी मे और सर कडाही मैं” है,सभी से मतलव हितग्राही, दलाल और अफसर है।
चोकिये मत खबर चौकाने वाली जरूर है पर है सो फीसदी सच! अगर आप को किसी भी पुलिस थाने कि शील अपने किसी कागज पर लगवानी हो मेडिकल सर्टिफिकेट पर डॉक्टर के हस्ताक्षर करवाने हो तो यहाँ वहां फ़ालतू चक्कर लगाने कि कोई जरूरत नहीं आरटीओ कार्यालय जाइये किसी दलाल को पकड़िये और पलक झपकते अपना काम करा लीजिये, है ना आसान यहाँ हर गुमटी पर फर्जी शीले उपलब्ध है।
सूत्र बताते है कि इन्ही फर्जी शील और हस्ताक्षर के आधार पर साहव विना कोई ना नुकुर किये वाज सी फुर्ती के साथ अपनी चिड़िया भी बैठा देते है। यदि कभी फुरसत मिलने पर साहव लोग दलालो के बस्ते चैक भर कर ले तो “नीर का नीर और छीर का छीर” हो जाएगा,पर वास्तविकता यह है कि ना “नो मन तेल होगा ना राधा नाचेगी”