भोपाल: उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध भगवान महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती को लेकर बनाए नियम लगातार टूट रहे हैं। यहां आने वाले वीआईपी महाकालेश्वर मंदिर समिति के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले महाकाल मंदिर में गर्भगृह में प्रतिबंध के बावजूद फिर से वीआईपी को प्रवेश दिया गया।
इस बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पुत्र सांसद श्रीकांत शिंदे, उनकी पत्नी व दो अन्य लोगों ने गर्भगृह में प्रवेश कर पूजा अर्चना की। गर्भगृह में चारों ने 6 मिनट तक पूजा अर्चना की। इस मामले को लेकर समिति पर कांग्रेस पार्टी की ओर से भेदभाव के आरोप लगाए है। तो वहीं मंदिर समिति की देश व प्रदेश में किरकिरी हो रही है।
इस सबसे अधिक परेशानी यहां आने वाले आम श्रद्धालुओं को झेलनी पड़ती है। इसके बाद श्री महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति गणेश कुमार धाकड़ की ओर से भगवान श्री महाकालेश्वर की प्रात:काल होने वाली भस्म आरती के दौरान नन्दी मण्डपम की व्यवस्था कुछ बदलाव किया गया है। इसमें सभी शासकीय विभागों को सूचित किया गया है कि वे अपने विभाग के माध्यम से प्रात:कालीन भस्म आरती में सम्मिलित होने वाले विशिष्ट/अतिविशिष्ट श्रद्धालुओं की सूची एक दिवस पूर्व विभाग के प्रमुख द्वारा हस्ताक्षर के बाद रात 8 बजे तक प्रशासक कार्यालय में उपलब्ध करायें।
तो नहीं दिया जाएगा प्रवेश
मंदिर समिति सूत्रों के अनुसार नए बदलाव के तहत श्रद्धालुओं की पात्रता अनुसार नन्दी मण्डपम में स्थान उपलब्ध होने की दशा में नन्दी मण्डपम की अनुमति पास अलग से जारी किया जाएगा। इसके बाद ही विशिष्ट/अतिविशिष्ट श्रद्धालु को भस्म आरती के दौरान नन्दी मण्डपम में प्रवेश दिया जायेगा। किसी भी शासकीय विभाग द्वारा निर्धारित समय सीमा में सूचना प्रदान नहीं करने अथवा सीधे मंदिर पहुंचने पर सम्बन्धित विशिष्ट/अतिविशिष्ट श्रद्धालु को भस्म आरती के दौरान नन्दी मण्डपम में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। तो वहीं शासकीय विभागों के सत्कार कर्मचारियों को भस्म आरती के दौरान मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं रहेगी।
बता दें कि भगवान श्री महाकालेश्वर की प्रात:कालीन होने वाली भस्म आरती में श्रद्धालुओं की कुशल दर्शन व्यवस्था के अन्तर्गत शासकीय विभागों के माध्यम से भस्म आरती में सम्मिलित होने वाले विशिष्ट/अतिविशिष्ट श्रद्धालुओं के साथ आगन्तुक शासकीय विभाग के सत्कार कर्मचारियों का प्रवेश मानसरोवर भवन तक निर्धारित किया गया है। सत्कार कक्ष से मंदिर के कर्मचारियों द्वारा अतिविशिष्ट श्रद्धालुओं को दर्शन करा सकेंगे।