अवैध उत्पादों का बाजार ₹1,800 करोड़ से अधिक, जिसमें अकेले मध्य प्रदेश का योगदान ₹130 करोड़
भोपाल: मध्य भारत में मध्य प्रदेश अवैध मच्छर-रोधी अगरबत्तियों का सबसे बड़ा बाज़ार बनकर उभरा है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य के लिए एक छिपा हुआ सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरा पैदा हो गया है। द होम इंसेक्ट कंट्रोल एसोसिएशन (HICA) और कानूनी मच्छर-रोधी समाधान प्रदान करने वाली कंपनियाँ लगातार इन अप्रूव न की गई अगरबत्तियों के खतरों के बारे में आगाह कर रही हैं।
अवैध बाज़ार का आकार और खतरा
- बाज़ार मूल्य: भारत में अवैध मच्छर-रोधी अगरबत्तियों का बाज़ार लगभग ₹1,800 करोड़ से अधिक का है।
- मध्य भारत का योगदान लगभग ₹500 करोड़ है।
- इसमें अकेले मध्य प्रदेश का हिस्सा लगभग ₹130 करोड़ है, जो इसे इन असुरक्षित और अवैध उत्पादों का सबसे बड़ा केंद्र बनाता है।
- उत्पाद और लागत: ये अगरबत्तियाँ “हर्बल” या “नेचुरल” नाम से ₹10-15 की कीमत पर लोकल स्टोर्स, जनरल दुकानों और फ़ार्मेसीज़ में भी उपलब्ध हैं।
- स्वास्थ्य जोखिम: ये अक्सर अप्रूव न किए गए केमिकल्स से बनी होती हैं। लंबे समय तक इनके इस्तेमाल से सांस संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों में।
नियामक और सुरक्षा चिंताएँ
भारत में किसी भी मच्छर-रोधी उत्पाद में इस्तेमाल होने वाले केमिकल को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड और पंजीकरण समिति (CIB-RC) से मंज़ूरी लेना अनिवार्य है।
| वैध उत्पाद | अवैध अगरबत्तियाँ |
| पैकेजिंग पर CIR (सेंट्रल इंसेक्टिसाइड रजिस्ट्रेशन) नंबर दिया होता है। | पैकेजिंग पर कोई रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं होता। |
| अनिवार्य तीन साल की सुरक्षा जाँच प्रक्रिया से गुजरते हैं। | सरकारी नियमों वाली निर्माण प्रक्रिया से बच निकलते हैं। |
| निर्माता की पहचान और जवाबदेही सुनिश्चित होती है। | इन्हें ऐसे निर्माताओं द्वारा बनाया जाता है जिनकी कोई पहचान या जवाबदेही नहीं होती। |
विशेषज्ञों की चेतावनी
डॉ. मुकेश संकलेचा, कंसल्टेंट बाल रोग विशेषज्ञ, बॉम्बे हॉस्पिटल:
“धुँआ उत्पन्न करने वाले मच्छर-रोधी उत्पादों, जैसे बिना नियमन वाली अगरबत्तियों से सावधान रहें। ये गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकती हैं। सुरक्षित और प्रभावी विकल्पों के लिए हमेशा CIB-RC की ओर से स्वीकृत और विश्वसनीय ब्रांडों के उत्पादों का ही उपयोग करें।”
जयंत देशपांडे, मानद सचिव, HICA:
“ये अवैध अगरबत्तियाँ हाई वोल्टेज, रिलैक्स, छूमंतर, नो एंट्री जैसे संदिग्ध नामों से बेची जाती हैं और इनमें CIB-RC द्वारा अप्रूव न किए गए केमिकल्स होते हैं। यह उपयोग न केवल गंभीर स्वास्थ्य खतरा पैदा करता है बल्कि कानूनी और वित्तीय प्रक्रियाओं को भी दरकिनार करता है, जिससे टैक्स चोरी होती है।”
रोहित वेंगुर्लेकर, हेड, होम केयर – जीसीपीएल (गुडनाइट):
“गुडनाइट हमेशा परिवारों की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध रहा है और सुरक्षित, विश्वसनीय और विज्ञान-आधारित विकल्पों की वकालत करता है। हम मध्यप्रदेश के उपभोक्ताओं से आग्रह करते हैं कि वे सावधान रहें और केवल वैध CIR नंबर वाले सरकारी-स्वीकृत उत्पादों का ही उपयोग करें।”
HICA ने 2018 से 2024 के बीच देशभर में 100 से अधिक छापों में मदद की है, जिनमें इन खतरनाक उत्पादों के निर्माता, थोक व्यापारी और विक्रेता शामिल थे।


