कोटा (राजस्थान): जहां पूरे देश में छात्र इंजीनियरिंग के सबसे कठिन मुकाबले JEE की तैयारी में जुटे रहते हैं, वहीं कोटा से एक बार फिर सफलता की गूंज सुनाई दी है। मोशन एजुकेशन के संस्थापक और ‘कोचिंग नगरी कोटा’ के जाने-पहचाने चेहरा, एनवी सर यानी नितिन विजय के छात्रों ने इस साल JEE Main 2025 में कमाल कर दिखाया है।
📌 टॉप 100 में 4 छात्रों ने जगह बनाई,
📌 टॉप 500 में 17 छात्रों ने शानदार प्रदर्शन किया,
📌 और 453 छात्रों ने ऑल इंडिया रैंक 10,000 के भीतर स्थान हासिल किया।
कोचिंग की दुनिया के ‘मोशन’ में आया उबाल
जेईई एडवांस्ड के लिए 65.8% छात्रों ने क्वालिफाई किया, जबकि राष्ट्रीय औसत मात्र 16.25% है। यानी देश भर के औसत से चार गुना ज़्यादा सफलता का परचम फहराया गया है।
एनवी सर के मार्गदर्शन में एकलव्य, आईएमएमपी, ए, वी** जैसे विशेष बैचों ने 100% सफलता दर हासिल की, जिससे यह साबित होता है कि सही दिशा, सही सोच और सही शिक्षक हो, तो कोई भी छात्र आगे बढ़ सकता है।
एनवी सर बोले – “टॉपर नहीं, जज़्बा चाहिए”
संस्थान के सीईओ और मोटिवेशनल गुरु एनवी सर ने इस मौके पर कहा:
“हम मानते हैं कि हर छात्र में क्षमता है। हमें केवल उसे पहचानने और संवारने की जरूरत होती है। ये सफलता उस मेहनत, अनुशासन और जिद का नतीजा है जो हमारे छात्रों और शिक्षकों ने दिखाया है।”
उन्होंने यह भी बताया कि कैसे मोशन एजुकेशन छात्रों की मानसिक और भावनात्मक सेहत पर भी खास ध्यान देता है – जिसमें प्रेरक सत्र, तनाव प्रबंधन, सहपाठी समर्थन प्रणाली और AI-बेस्ड लर्निंग ने बड़ी भूमिका निभाई।
ड्रॉपर बैच और सामाजिक समावेशिता ने भी लहराया परचम
- ड्रॉपर बैच के 76.3% छात्रों ने सफलता पाई,
- जबकि SC/ST/दिव्यांग वर्ग के 7 छात्रों ने टॉप 500 में स्थान पाया – यह दिखाता है कि मोशन सिर्फ टॉपर्स को नहीं, सभी वर्गों को समान अवसर देने के लिए प्रतिबद्ध है।
एआई टेक्नोलॉजी बना सफलता का हथियार
इस वर्ष मोशन की AI-पावर्ड तकनीक जैसे कंसेप्ट प्रोग्रेस सिस्टम (CPS), DPP मशीन, मोशन लर्निंग ऐप और स्मार्ट बुक्स ने छात्रों को उनकी व्यक्तिगत कमज़ोरियों पर काम करने और अधिक प्रभावी तरीके से पढ़ने में मदद की।
सालों बाद फिर एक बार… कोटा की गूंज देशभर में
जेईई मेन 2025 की परीक्षा NTA द्वारा अप्रैल में आयोजित की गई थी जिसमें 10.5 लाख से ज्यादा छात्रों ने हिस्सा लिया। लेकिन कोटा ने फिर साबित कर दिया कि वह न केवल सपनों की नगरी है, बल्कि उन्हें हकीकत में बदलने की सबसे भरोसेमंद जगह भी।