रायपुर। छत्तीसगढ़ किसान सभा द्वारा अप्रैल में प्रदेश के 25 स्थानों पर बड़ी लामबंदी वाले किसान संघर्ष सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार लाभकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य देने, किसानों को कर्जमुक्त करने, मनरेगा में काम और बकाया मजदूरी देने, वनाधिकार कानून, पेसा कानून और 5वीं अनुसूची के प्रावधानों पर अमल करते हुए अभ्यारण्यों और खनन के नाम पर विस्थापन पर रोक लगाने, हाथियों सहित अन्य वन्य जीवों के हमलों से जान-माल की रक्षा की प्रभावी योजना बनाने की मांग की जाएगी।
छत्तीसगढ़ किसान सभा महासचिव ऋषि गुप्ता ने बताया कि अभा किसान सभा के संयुक्त सचिव बादल सरोज की उपस्थिति में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में किसान सभा द्वारा पिछले दो महीनों में चलाये गए अभियानों, संघर्षों की भी समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि जनवरी में हुए किसान संगठनों के संयुक्त सम्मेलन में जिन मुद्दों को उठाया गया था, उन्हीं मुद्दों पर ये व्यापक किसान सम्मेलन आयोजित किए जा रहे हैं। किसान नेता ने कहा कि इन सम्मेलनों के जरिये खेती-किसानी से जुड़ी मांगों पर संघर्ष को और तेज करने, संगठन का विस्तार करने की रणनीति तैयार की जाएगी।