सरकारी डॉक्टर बोले, गर्भ में बच्चे की मौत, निजी अस्पताल में स्वस्थ जन्मा

मुंगेली। जिला अस्पताल आम लोगों के लिए सुरक्षित नहीं है। महिला एवं शिशुु रोग विशेषज्ञ नहीं होने से शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को गंभीर समस्या से जूझना पड़ रहा है। महिलाओं को प्रसव के लिए दर -दर भटकना आम बात हो गई है। जिला अस्पताल में प्रसव पीड़ा से पंहुची महिला को गर्भ में बच्चे की मौत होने की बात कही गई। वह प्रयवेट अस्पताल में गई तो स्वस्थ बच्चे को जन्म दी। मामले में प्रसूता के परिजनों ने जिला अस्पताल के डॉक्टर एवं स्टाफ के ऊपर गैर जिम्मेदराना रवैया का आरोप लगाया। मामले में चिकित्सा अधिकारी द्वारा जांच टीम गठित की गई है।

जानकारी के अनुसार वार्ड क्रमांक 21 बिनोबा नगर निवासी सुनीता साहू को प्रसव पीड़ा होने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां डॉक्टरों ने महिला और परिजनों को गर्भ में ही नवजात को मृत बताकर रिफर कर दिया।परिजन महिला को लेकर एक निजी अस्पताल में पहुंचे जहां सामान्य प्रसव हुआ और स्वस्थ बधो को जन्म दी। इस पर परिजनों ने जिला अस्पताल के डॉक्टर और स्टॉफ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए ड्यूटीरत डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग की गई।

इस दौरान जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। इस पर पीड़ित परिजनों ने गंभीर आरोप लगाया और कार्रवाई करने की बात कही। ज्ञात हो इससे पूर्व भी इस प्रकार के मामले में लोगों ने कलेक्टर एवं विधायक एवं खाद्यमंत्री पुन्नू लाल मोहले से की गई इसके बाद भी कार्रवाई नहीं की गई।

- जिला अस्पताल में इस तरह की लापरवाही सामने आयी है। ड्यूटी में डॉक्टर एवं स्टाफ के विरुद्घ जांच के आदेश दिये गए हैं, तथा दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। - एनएन एक्का, कलेक्टर

- पीड़िता एवं परिजनों के द्वारा लगाये गये आरोप सरासर गलत हैं। मैं बिलासपुर में हूं शुक्रवार को इस संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी दे पाऊंगा, जिला अस्पताल के सभी स्टाफ ईमादारी से कार्य करते हैं। - जीआर घृतलहरे, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी

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