खबर डिजिटल/ भोपाल : पुणे में आयोजित “पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होल्कर और उनका जनकल्याणकारी सुशासन” विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अहिल्याबाई होल्कर के महान योगदान और उनकी प्रशासनिक कुशलता की सराहना की। मुख्यमंत्री ने पुणे की ऐतिहासिक महिमा का वर्णन करते हुए इसे शिवाजी महाराज और बाल गंगाधर तिलक जैसे महान नेताओं से जुड़े इतिहास का केंद्र बताया।
डॉ. मोहन यादव ने कहा कि पुणे, इंदौर और उज्जैन का इतिहास कई मायनों में समान है और इनका गौरवशाली अतीत इन्हें एक विशिष्ट स्थान प्रदान करता है। उन्होंने महाकाल मंदिर के निर्माण और काशी विश्वनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण का उल्लेख किया, जो अहिल्याबाई होल्कर की दूरदर्शिता और प्रशासनिक कौशल का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि मुगल सत्ता के समय में भी इन मंदिरों का निर्माण संभव हो सका क्योंकि अहिल्याबाई ने इन्हें देवस्थान के रूप में पुनः स्थापित किया।
मुख्यमंत्री ने अहिल्याबाई होल्कर की प्रशासनिक कुशलता का विशेष रूप से उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने समाज के सभी वर्गों को एक साथ लाने और उनके जीवन में सुधार लाने के प्रयास किए। उन्होंने रानी दुर्गावती, रानी अवंती बाई, और झांसी की रानी लक्ष्मीबाई जैसी वीरांगनाओं को भी याद किया, जिन्होंने अपने साहस और बलिदान से मध्य प्रदेश की महिमा को बढ़ाया।
डॉ. मोहन यादव ने अंत में कहा कि इन सभी वीरांगनाओं में अहिल्याबाई होल्कर का स्थान सूर्य के समान है, जिनका जनकल्याणकारी शासन और सेवा भावना अद्वितीय था। उन्होंने अहिल्याबाई को नमन करते हुए उनके द्वारा स्थापित मूल्यों और उनके योगदान को आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक बताया।