उज्जैन। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा गुड़ी पड़वा पर रविवार को मोक्षदायिनी शिप्रा के तट पर सैकड़ों नगरवासियों ने सुबह 6.27 बजे शंख की मंगल ध्वनि के साथ ‘विरोधकृत संवत्सर का स्वागत किया। पश्चात औषधि युक्त जल से सूर्यदेव को अर्ध्य देकर दिन की शुरुआत की। नीम-मिश्री के शरबत से मुंह मीठा कराया गया। ज्योतिर्लिंग महाकाल में पंचांग का पूजन हुआ। शहर में सुुबह से लेकर रात तक उत्सवी छटा बिखरी।
रामघाट : काल गणना के 101 कलश से अर्घ्य
नववर्ष आयोजन समिति द्वारा ज्योतिर्विद पं. आनंदशंकर व्यास के सान्निध्य में रामघाट पर काल गणना के 101 कलश से सूर्य को अर्ध्य दिया गया। इसमें 28 नक्षत्र, 27 योग, 15 तिथि, 12 राशि, 11 करण, 7 वार तथा 1 कलश सृष्टि के रचयिता ब्रह्माजी का था। शिप्रा-नर्मदा का पूजन के बाद पं. मुरली मनोहर शास्त्री को सम्मानित किया गया।
दत्त अखाड़ा : सांस्कृतिक प्रस्तुति ने मोहा मन
नववर्षाभिनंदन समिति, अनुष्ठानमंड्पम ज्योतिष अकादमी और संस्कार भारती के संयुक्त तत्वावधान में शिप्रा के दत्त अखाड़ा घाट पर नवसंवत्सर का स्वागत किया गया। परमहंस डॉ. अवधेशपुरी महाराज, ज्योतिर्विद् पं. श्यामनारायण व्यास के सानिध्य में तीर्थ पुरोहित व शहरवासियों ने सूर्य को अर्ध्य दिया। इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए।
51 फीट ऊंची गुड़ी आरोहण
महाकाल घाटी स्थित मल्हार मार्तंड मंदिर में क्षत्रिय मराठा समाज द्वारा 51 फीट ऊंची गुड़ी का आरोहण किया गया। समाज अध्यक्ष यशवंतराव चव्हाण व उपाध्यक्ष मुकेश शिंदे ने बताया गुड़ी बनाने में 16 हाथ की 16 साड़ियों का उपयोग हुआ। समाज की महिलाएं साड़ियां लेकर आई थीं, जिन्हें शाम को प्रसाद स्वरूप पुन: लौटाया गया।
मराठा क्षत्राणियों ने दिखाया दम
महाराष्ट्र समाज उज्जयिनी द्वारा हर्षोल्लास से गुड़ी पड़वा उत्सव मनाया गया। सुबह चामुंडा माता चौराहा से चल समरोह निकला इसमें मराठा क्षत्राणियों ने शौर्य कला का प्रदर्शन किया। पारंपरिक वेषभूषा में महिलाएं दो पहियां वाहनों पर सवार होकर निकलीं। सुहास बक्षी व भूषण नाईक ने बताया शाम को पानदेरीबा से समाज की पारंपरिक गेर निकली।