पाकिस्तान आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की राह में चीन ने एक बार फिर अड़ंगा लगा दिया है। मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर फैसले से कुछ मिनट पहले चीन ने वीटो का इस्तेमाल करते हुए प्रस्ताव पर रोक लगा दी। आपको बता दें कि 2017 में भी चीन ने ऐसा ही किया था। बीते 10 साल में संयुक्त राष्ट्र में अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने का यह चौथा प्रस्ताव था।
विदेश मंत्रालय प्रतिक्रिया
विदेश मंत्रालय ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा, ‘हम निराश हैं। लेकिन हम सभी उपलब्ध विकल्पों पर काम करते रहेंगे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारतीय नागरिकों पर हुए हमलों में शामिल आतंकवादियों को न्याय के कठघरे में खड़ा किया जाए।’ मंत्रालय ने कहा, ‘हम उन देशों के आभारी हैं जिन्होंने अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने की कवायद में हमारा समर्थन किया है।’
अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति के तहत प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका की ओर से 27 फरवरी को रखा गया था। 2017 में भी चीन ने अड़ंगा लगाकर जैश सरगना मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित होने से बचा लिया था। उस वक्त चीन ने मसूद के पक्ष में तर्क दिया था कि वह बहुत बीमार है और अब ऐक्टिव नहीं है और न ही वह जैश का सरगना है।
चीन पर ही थीं निगाहें
आपको बता दें कि चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वीटो की शक्ति रखनेवाला सदस्य है और सबकी निगाहें चीन पर ही थीं जो पूर्व में भी अजहर को संयुक्त राष्ट्र से वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के भारत के प्रयासों में अड़ंगा डाल चुका था। इससे पहले भारत ने अमेरिका और फ्रांस के साथ पुलवामा आतंकी हमले के बाद कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज शेयर किए थे ताकि मसूद के खिलाफ पुख्ता सबूत पेश किया जा सके।
कई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड रहा है मसूद
गौरतलब है कि भारत लंबे समय से सुरक्षा परिषद का ध्यान इस ओर आकर्षित कर रहा है कि जैश पर संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिबंध लगाया है, लेकिन उससे संस्थापक को बैन नहीं किया जा रहा। अजहर पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के बहावलपुर में कौसर कालोनी में रहता है। जनवरी 2016 में पंजाब के पठानकोट में भारतीय वायु सेना के बेस पर जैश के हमले के बाद भारत ने संयुक्त राष्ट्र की ओर से अजहर पर प्रतिबंध लगाने को लेकर अपनी कोशिशें तेज कर दी थीं। इसमें भारत को अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस का भी समर्थन मिला था, लेकिन चीन ने इसका विरोध किया था। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले का जिम्मेदार भी अजहर का आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ही था। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।