कार्यकर्ता महाकुंभ में बोले मोदी - हिंदुस्तान में एमपी नंबर 1, कार्यकर्ताओं को दिया चुनावी मंत्र

भोपाल. कार्यकर्ता महाकुंभ सम्मेलन में पीएम मोदी और अमित शाह ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान मोदी ने कहा कि कांग्रेस 444 सीटों से 40 में सिमट गयी है लेकिन कांग्रेस का अभी अहंकार नहीं गया। उन्होंने कहा कि हम इतने भाग्यवान हैं कि हमें भी इस महान पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में सेवा करने का सौभाग्य मिला है। ऐसा सौभाग्य इरादे से जीने वालों के भाग्य में नहीं होता। 

विश्व की सबसे बड़ी पार्टी और इसका कार्यकर्ता होना गर्व की बात है। आज पंडित दीनदयाल की जयंती है। शायद विश्व में हमीं एक ऐसी पार्टी हैं जिस पार्टी की विचारधारा के एक शब्द में जाना जाता है। वह है एकात्म मानववाद। दुनिया में कोई भी पार्टी मानववाद से जुडकर काम रही हो ऐसा मैंने नहीं सुना। हम अकेले हैं जो मानवता के मुद्दे पर काम कर रहे हैं।

नेताओं और बलिदानियों का हम पर कर्ज

मुझे फिर एक बार आपके बीच आने का अवसर मिला है। लेकिन एक फर्क है। पहले जब भी आए तब अहसास होता था कि जिस महापुरुष की यह धरती है वो अटल बिहारी वाजपेयी आज नहीं हैं। हम कार्यकर्ताओं पर सभी नेताओं और बलिदानियों का हम पर कर्ज है। महापुरुषों ने देशवासियों को एक करने का सपना लेकर जीवन खपाया। हम सब पर इनका कर्ज है। कर्ज चुकाने का अवसर हम नहीं जाने देंगे।

आजादी के बाद देश तीन महापुरुषों को कभी भूल नहीं सकता। महात्मा गांधी, राम मनोहर लोहिया और पंडित दीनदयाल उपाध्याय। तीनों महापुरुष हर देशवासी को साथ लेकर विकास की बातें कहते थे। यह हमारा सौभाग्य है। हम समन्वय में विश्वास करते हैं। सबका साथ सबका विकास सिर्फ चुनावी नारा नहीं है। उज्ज्वल भारत के भविष्य के लिए। ये हमारा मार्ग है। समाज का कोई भी वर्ग पीछे न छूट जाए। सबकों आगे लाने के लिए हम योजनाओं के साथ काम कर रहे हैं। हमारे देश में वोट बैंक की राजनीति ने हमारे समाज को दीमक की तरह तबाह कर दिया है। आजादी के 70 साल में जो बर्बादी आई उससे मुक्त कराना भाजपा की जवाबदारी है। देश को टुकड़ों में बांटने का पाप जो किया गया है उसको दूर करना है।

सबका साथ सबका विकास ये अनिवार्य मंत्र बन गया है। आपसे आग्रह है। कांग्रेस की सरकार ने पहले मध्य्रपदेश का भला चाहा होता तो काम तो पहले भी हो सकता। भाजपा की सरकारेां को यहां कठिनायी क्या रहीं जब जब भी भाजपा सरकार बनीं तब केंद्र की कांग्रेस सरकारों ने दुश्मनी का भाव पाल कर काम किया। सरकार के प्रति ही नहीं यहां की जनता के प्रति भी। क्या ऐसे षडयंत्रों से मध्यप्रदेश को बचाना चाहिए कि नहीं। ऐसे लोगों को सजा मिलनी चाहिए कि नहीं। इस चुनाव के अंदर उन्हें धरती दिखा देनी चाहिए।

रैंकिंग में मध्यप्रदेश हिंदुस्तान में नंबर 1

मुझे सेवा करने का मौका चाहिए। आने वाले 5 साल दिल्ली सरकार और मध्यप्रदेश की सरकार मिलकर नई छलांग लगाएंगे। हर तरह की रैंकिंग में मध्यप्रदेश हिंदुस्तान में नंबर 1 है। जो पार्टी सवा सौ साल से भी बड़ी हो। जिस पार्टी के पास इतने अनुभवी नेता हैं। इतने साल देश पर शासन किया हो। ऐसा क्या हुआ कि इतनी बड़ी पार्टी सूक्षमदर्शी यंत्र से देखनी पड़ती है कि देश के किसी कोने में बची है या नहीं बची। जरा आत्मचिंतन करो। हम भी कभी हारे थे। हमने अपने भीतर झांका।

444 से 40 हो गए लेकिन अहंकार नहीं गया : मोदी

संकल्प लिया। देश की जनता को विश्वास दिलाया और आज जनता हम पर भरोसा कर रही है। 444 से 40 हो गए लेकिन अहंकार नहीं गया। कोई चाय वाला कोई गरीब का मां का बेटा शिवराज या योगी जी वो गद्दी पर नहीं बैठ सकता ऐसा सोचते हैं। गठबंधन पराजय के भय से पैदा हुआ है। असफलता नहीं मिलती तो कांग्रेस इतनी अहंकारी है कि कभी गठबंधन नहीं करती। यह हाल हो गया सवा सौ साल पुरानी पार्टी का। यदि आत्मचिंतन किया होता तो आज हर किसी की गोद में बैठने की नौबत न आती। अगर उनके नसीब में बर्बादी लिखी है तो मुझे और आपको रोने की क्या जरूरत है।

हमारा मंत्र है मेरा बूथ सबसे मजबूत

हमारा रास्ता है संगठन में शक्ति है। हम झूठा प्रचार नहीं करते। आज दुनिया में हिंदुस्तान का लोहा माना जा रहा है। आज मैं आपसे कहने आया हूं। लेकिन चुनाव जीतने का मंत्र भी साथ है। हम धनबल से चुनाव नहीं लड़ते हम जनबल से आगे बढ़ते हैं। ये काम कायकर्ता करता है। हमारा मंत्र है मेरा बूथ सबसे मजबूत। जातिवाद का जहर फैलाया जाए। पर मैं मेरे बूथ में भाजपा का झंडा झुकने नहीं दूंगा। मेरा बूथ सबसे मजबूत का मंत्र लेकर चला। आप कर सकते हो। कांग्रेस के पास ऐसे समर्पित लोग कहा हैं। ये विजय मध्यप्रदेश के लोगों के लिए है।

कांग्रेस ने पूरी ताकत लगा दी मेरे खिलाफ - मोदी

भाषण में मोदी ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि विरोधियों सुन लो.. 2001 से मैं आया हूं। आपने पूरी ताकत लगा दी मेरे खिलाफ। हर तरह की गालियां दीं। आपने जितना कीचड़ उछाला कमल उतना ज्यादा खिला है। आपके प्रयोग देश की जनता के गले नहीं उतरे। आइए विकास के मुददे पर बहस करें। विरोध करो विकास के लिए। रूदन करो तो विकास के लिए। पर सरल रास्ता है कीचड़ उछालो। जितना उछालोगे उतना ही कमल खिलेगा।

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