“मसाई स्कूल: तकनीकी शिक्षा से सशक्तिकरण की राह को रोशन कर रहा है” 

भारत के तेजी से बढ़ रहे जॉब टेक प्लेटफॉर्म मसाई स्कूल के प्रोग्राम में हाल ही में पिछले 5 सालों में रिकॉर्डतोड़ 6000 से ज्यादा छात्रों ने अपना नामांकन कराया। प्लेसमेंट के बाद भुगतान की सुविधा देने के मॉडल पर बनाए गए जॉब टेक इंस्टिट्यूट के तौर पर इसका 94 फीसदी से ज्यादा और 4,500 से ज्यादा प्लेसमेंट्स का रिकॉर्ड है। प्रतीक शुक्ला, योगेश भट्ट और नृपुल देव की ओर से शुरू किए गए जॉब टेक प्लेटफॉर्म का लक्ष्य युवाओं की प्रतिभा को निखारकर उन्हें नए-नए कौशल से लैस करना है और उनकी नौकरी हासिल करने की संभावनाओं को बढ़ाना है।

मध्यप्रदेश में इंदौर के रहने वाले और मसाई स्कूल के ग्रेजुएट ऋषभ चौरसिया ने कहा, “मैंने मसाई में दाखिला लेने का फैसला अपने भाई से प्रभावित होकर किया, जिन्हें मसाई में अपना कोर्स करने के बाद नौकरी मिल गई थी। मुझे यह कोर्स करने के बाद डब्ल्यूएससी टेक्नोलॉजीज में नौकरी मिली। पहले मैं घरेलू इलेक्ट्रिकल उपकरणों की मरम्मत करता था। इस कोर्स को करने के बाद मुझे एक प्रतिष्ठित कंपनी का अभिन्न हिस्सा बनने का मौका मिला। इससे मेरी जिंदगी में कई महत्वपूर्ण बदलाव आए।’’

मसाई स्कूल की एक अन्य पूर्व छात्रा मध्यप्रदेश की नीलम सिंह ने कहा, "ग्रेजुएशन के बाद मैंने कम सैलरी वाली बहुत सी नौकरियां की, क्योंकि मैंने अपने मन में यह पक्का इरादा कर लिया था कि मैं अपने परिवार पर आश्रित नहीं रहूंगी। मुझ पर एक बड़े परिवार की देखभाल की जिम्मेदारी थी। इसलिए मैं अच्छी आमदनी वाली नौकरी की तलाश में थी, जिससे मुझे अपने परिवार में सबकी जरूरतों को पूरा करने में मदद मिल सके। इसी लक्ष्य ने मुझे मसाई स्कूल में दाखिला लेने के लिए प्रेरित किया, जिससे आखिरकार मुझे अपनी महत्वाकांक्षाओं से तालमेल रखने वाली अच्छी और मनपसंद नौकरी मिली।"    

मसाई स्कूल के संरक्षण में, प्रेपलीफ एक नई पहल के रूप में उभरा है, जिसने लोगों को परंपरागत रूप से टेस्ट दिए बिना उज्जवल भविष्य की नींव रखने वाले अलग तरह के संस्थान में दाखिला देने की पेशकश की है। जॉब मार्केट में नया रास्ता दिखाने वाले इस नजरिये के साथ यह जॉब टेक प्लेटफॉर्म सभी की उच्च तकनीकी शिक्षा तक पहुंच बढ़ाकर इस क्षेत्र में पूरी तरह से बदलाव के लिए तैयार है। इस प्लेटफॉर्म ने आजकल के शैक्षिक माहौल में नौकरी हासिल करने का प्रयास करने वाले उम्मीदवारों को अपने कौशल को निखारने और संवारने का मौका दिया है।

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