मध्यप्रदेश बीजेपी को 160 सीटों पर खतरा, सर्वे में हुआ बड़ा खुलासा!

MP Election 2023 : मध्यप्रदेश में अब चंद माह बाद ही विधानसभा चुनाव की रणभेरी बजना है। ऐसे में भाजपा द्वारा प्रदेश में 51 फ़ीसदी मतों के साथ ही इस बार भी 200 पार से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए पार्टी द्वारा लगातार कार्यकर्ताओं को अब की बार 200 पर का नारा दिया जा रहा है। इसी बीच पार्टी से लेकर संघ द्वारा जो सर्वे कराए हैं उन्हें पार्टी के सामने बड़े संकट की आहट ही सामने आ रही है। इसकी वजह है किसी भी सर्वे में अब तक सत्ता में वापसी के लिए जरूरी आंकड़ा का पहुंचना आसान नहीं बताया गया है। यही नहीं जो संभावित जीत के आंकड़े बताए जा रहे हैं उनमें 60 से लेकर 80 सीटें ही भाजपा को मिल की बताई जा रही हैं। यही वजह है कि अब इस मामले में पर्दे के पीछे से पूरी तरह संघ सक्रिय हो गया है।

संघ ने दी पार्टी को नसीहत

संघ ने अपने आकलन वर्तमान सर्वे रिपोर्ट के आधार पर अब मध्य प्रदेश भाजपा के संगठन बसंता को ऐसी 160 सीटें सीटों की सूची सौंपी है, जहां पर पार्टी के लिए जीत बेहद ही मुश्किल बनी हुई है। इसके साथ ही इन सीटों पर जरूरी कदम उठाने के साथ ही मेहनत करने को कहा है।

57 सीटों पर बीजेपी की हार तय!

बताया जा रहा है कि संघ द्वारा दी गई सूची में उन 57 सीटों के भी नाम है, जिन पर अभी भाजपा विधायक हैं और उन पर पार्टी की हार तय मानी जा रही है। इसके साथ ही बताया गया है कि अभी की स्थिति में भाजपा अपने कब्जे वाली एक 27 सीटों में से 70 सीटों पर ही जीतने की स्थिति में है। इस हिसाब से देखें तो अभी भाजपा 200 तो ठीक इसकी आधी सीटों पर भी जीत दर्ज करने की स्थिति में नहीं है। दरअसल भाजपा द्वारा तीन सर्वे और संघ द्वारा करीब आधा दर्जन बार सर्वे कराया जा चुका है। इन सभी में हर बार स्थिति पहले से अधिक खराब होती बताई जा रही है।

यह सीटें बनी हुई है भाजपा के लिए बड़ी चुनौती

भोपाल उत्तर, भोपाल दक्षिण-पश्चिम, भोपाल मध्य, ब्यावरा, राजगढ़, खिलचीपुर, सुसनेर, आगर, शाजापुर, कालापीपल, सोनकच्छ, बुरहानपुर, भीकनगांव, बड़वा, महेश्वर, शिवपुर, सबलगढ़, सुमावली, मुरैना, भिंड, लाहर, गोहद, ग्वालियर पूर्व, ग्वालियर दक्षिण, भितरवार, डबरा, सेवड़ा, करेरा, पिछोर, चाचौड़ा, राधौगढ़, चंदेरी, देवरी, बंड़ा, महाराजपुर, राजनगर, छतरपुर, बिजावर, पथरिया, दमोह, गोनेर, चित्रकूट, रेगांव, सतना, सिहावल, कोतमा, पुष्पराजगढ़, बड़वारा, बरगी, जबलपुर पूर्व, जबलपुर उत्तर, जबलपुर पश्चिम, शाहपुरा, डिंडोरी, बिछिया, निवास, बैहर, लांजी, वारासिवनी, कटंगी, बरघाट, लखनादौन, गोटेगांव, तेंदूखेड़ा, गाडरवारा, जुन्नारदेव, अमरवाड़ा, चौरई, छिंदवाड़ा, परासिया, मुलताई, बैतूल, घोड़ाडोंगरी, उदयपुर, विदिशा, कसरावद, खरगोन, भगवानपुरा, पानसेमल, अलीराजपुर, झाबुआ, पेटलावाद, सरदारपुर, गंधवानी, कुक्षी, मनावर, धर्मपुरी, देपालपुर, इंदौर1, नागदा, तराना, बड़नगर, सैलाना, आलोट,

भाजपा की मौजूदा सिटों पर भी स्थिति कमजोर!

भाजपा वर्तमान समय में जिन 127 सीटों पर काबिज है, उनमें से 57 सीटों पर हार का खतरा मंडरा रहा है। यह सीटें है,ं विजयपुर, जोरा, अंबा, मेहगांव, ग्वालियर, भांडेर, पोहरी, कोलारस, बमोरी, गुना, अशोकनगर, मुंगावली, बीना, नरयावली, टीकमगढ़, निवाड़ी, जतारा, पृथ्वीपुर, खरगापुर, चंदला, मलहरा, जबेरा, पवई, नागौर, अमरपाटन, रामपुर, बघेलान, देवतालाब, चुरहट, सीधी, सिंगरौली, बमौहरी, अनूपपुर, मुड़वारा, सिहोरा, मंडला, परसवाड़ा, आमला, टिमरनी, सिवनी मालवा, सांची, बासौदा, हाटपिपलिया, मतदाता, पंधाना, नेपानगर, बड़वानी, जोबट, धार, बदनावर, इंदौर 5, उज्जैन उत्तर, उज्जैन दक्षिण, रतलाम ग्रामीण, जावरा, सुवासरा, मनासा, नीमच आदि ऐसी सीटें हैं, जहां पर भाजपा की स्थिति काफी कमजोर बताई जा रही है।

उपचुनाव वाली सीटों पर भी खतरा!

प्रदेश में भाजपा के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी का आलम यह है कि उपचुनाव वाली सीटों पर भी पार्टी की स्थिति खराब बताई जा रही है। दरअसल 2020 में हुए उपचुनाव में भाजपा ने 2018 में हारी जिन 21 सीटों जोरा, अंबा, मेहगांव, ग्वालियर, भांडेर, बमोरी, अशोकनगर, मुंगावली, सुर्खी, पृथ्वीपुर, बड़ा मलहरा, अनूपपुर, सांची, हाटपिपलिया, मंधाता, नेपानगर, जोबट, बदनावर, सांवेर और सुवासरा सीटों को जीता था। लेकिन उन पर भी अभी से संघर्ष की स्थिति बताई जा रही है।

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