न्यूगो के साथ मनाएं विश्व पर्यटन दिवस

भोपाल से चुनिंदा और स्थायी टूरिस्ट स्पॉट्स की हमारी लिस्ट में अपनी पसंदीदा जगह को चुनकर पर्यावरण के प्रति जागरूक रहते हुए विश्व पर्यटन दिवस मनाइए। चाहे आप इंदौर में पर्यावरण को स्वच्छ और सुरक्षित रखने वाली पहल के प्रति आकर्षित हो या उज्जैन की प्राचीन ज्ञान परंपरा में आपकी दिलचस्पी हो, हमारी लिस्ट में इन सांस्कृतिक महत्व के शहरों में घूमने-फिरने में पर्यावरण को स्वच्छ रखने के तरीकों को बढ़ावा दिया गया है। इस विश्व पर्यटन दिवस पर हम आपको इन पसंदीदा शहरों को ज्यादा सोच-समझ कर घूमने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इन जगहों पर जाकर आप न केवल अपनी जिंदगी की ऐसी सदाबहार यादें संजो सकते हैं, जो जीवन भर आपके साथ रहेंगी, बल्कि यहां आकर आप स्थानीय समुदायों के विकास और स्वच्छ पर्यावरण में भी सकारात्मक योगदान दे सकते हैं। इंदौर में जीरो-वेस्ट कार्यक्रमों का समर्थन करने से लेकर उज्जैन में नदी संरक्षण प्रयासों में शामिल होने तक, हर जगह पर जिम्मेदार पर्यटन के लिए अनूठे अवसर मौजूद हैं। इस वीकेंड पर आप एक ऐसी यात्रा पर निकलें जिसमें आराम, सांस्कृतिक खोज और पर्यावरण को स्वच्छ रखने की जिम्मेदारी का संगम हो और जिससे भोपाल से सोची-समझी योजना के तहत यात्रा करने के क्षेत्र में नए मानक स्थापित हो सके।

भोपाल से देवास की यात्रा-मध्यप्रदेश के दिल में बसा एक रत्न, देवास मेहमानों को इस क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता और वास्तुकला की भव्यता का अहसास करने के लिए आमंत्रित करता है। यहां चामुंडा माता मंदिर प्रसिद्ध हिंदू तीर्थ स्थल है। यहां आकर आप आध्यात्मिक माहौल में डूब सकते हैं। यह मंदिर देवी मां के रौद्र अवतार को समर्पित है। यह मंदिर शानदार और असाधारण नक्काशी और जीवंत भित्तिचित्रों से सजाया गया है। दत्ता मंदिर की वास्तुकला की भव्यता को देखकर आप मोहित हो सकते हैं। यह संत दत्तात्रेय को समर्पित एक शानदार मंदिर है। इस मंदिर में पत्थर का अद्भुत काम और बारीक नक्काशी देखने को मिलती है। यहां आप बाज बहादुर महल भी देख सकते हैं, जो भारतीय-इस्लामिक वास्तुकला का अद्भुत मिसाल है। इस महल के ऐतिहासिक आकर्षण से आप शहर के अतीत के दिलचस्प पन्ने पलट सकते हैं। यहां चहल-पहल से भरपूर स्थानीय बाजारों में आप खूबसूरत रंगीन कपड़े, सुगंधित मसाले, और हस्तशिल्प से बनी वस्तुएं खरीद सकते हैं। इससे देवास की जीवंत परंपराओं और मेहमाननवाजी के जोश की झलक मिलती है।

भोपाल से इंदौर – इंदौर मध्य प्रदेश के दिल में स्थित विकसित महानगर है। यह मेहमानों को अपनी आधुनिकता और समृद्ध ऐतिहासिक विरासत के सामंजस्यपूर्ण संगम से अपनी ओर खींचता है। यहां की चहल-पहल से भरपूर गलियों में आप टहल सकते हैं, जहां आपके मनपसंद स्ट्रीट फूड की खुशबू आपकी इंद्रियों को लुभाने के लिए तैयार है। यहां शहर में हर मोड़ पर आपको खाने-पीने की मनपसंद चीजें मिल जाएगी। यहां आकर आप भव्य रजवाड़ा महल देखने जा सकते हैं और वहां की खूबसूरती में डूब सकते हैं। अद्भुत वास्तुकला का यह नमूना आपको होलकर शासकों के भव्य युग में ले जाता है। शहर में स्थित खजराना गणेश मंदिर में आपको शांत माहौल मिलेगा। यह भगवान गणेश को समर्पित एक प्रतिष्ठित और मशहूर  मंदिर है, जहां भक्त भगवान गणेश का आशीर्वाद लेने और मानसिक शांति की तलाश में आते हैं। यहां के चहल और चकाचौंध से भरपूर मार्केट में आप हस्तशिल्प की असाधारण वस्तुएं, शानदार कपड़े और स्थानीय रूप से बनाई गई वस्तुएं खरीद सकते हैं। इससे इंदौर की समृद्ध और भव्य सांस्कृतिक विरासत की झलक मिलती है।

भोपाल से उज्जैन :  पवित्र क्षिप्रा नदी के किनारे बसा उज्जैन प्राचीन परंपराओं और आध्यात्मिक महत्व के लिहाज से एक समृद्ध शहर है। प्राचीन काल से यह सदाबहार तीर्थस्थल मेहमानों को हिंदू पौराणिक कथाओं और वास्तुकला के अद्भुत उदाहरणों के साथ समृद्ध सांस्कृतिक विविधता की खोज करने के लिए आमंत्रित करता है। यहां आप महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग देख सकते हैं। यह भारत के सबसे प्रतिष्ठित और पूजनीय शिव मंदिरों में से एक है, जहां भक्त आशीर्वाद और मानसिक शांति की तलाश में आते हैं। गोपाल मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित एक अद्भुत मंदिर है, जिसमें जटिल और असाधारण नक्काशी और सुंदर भित्तिचित्र हैं। यहां आप भैरव घाटी के मार्केट में घूम सकते है, जो मेहमानों के साथ ही स्थानीय लोगों से गुलजार रहता है। यहां आप शहर की जीवंत परंपरा को देख सकते हैं और खाने-पीने की तरह-तरह की तरह-तरह की चीजों का आनंद ले सकते हैं। पर्यावरण के प्रति जागरूक यात्री इंदौर के पुरस्कार विजेता जीरो-वेस्ट कार्यक्रमों का समर्थन करने पर विचार कर सकते हैं। कचरे को सही तरीके से अलग करने और स्थानीय सफाई की पहल में भाग ले  सकते हैं। वह उज्जैन में क्षिप्रा नदी के संरक्षण प्रयासों में शामिल हो सकते हैं। टूरिस्ट्स जागरूकता अभियानों में भाग ले सकते हैं या नदी के सफाई अभियान के लिए स्वयंसेवी बनकर इस पवित्र नदी को भविष्य की पीढ़ियों के लिए संरक्षित करने में मदद कर सकते हैं।

कैसे पहुंचे- आप अपनी यात्रा के लिए पर्यावरण के अनुकूल और स्थायी साधन के रूप में न्यूगो को चुनिए। न्यूगो प्रीमियम एसी इलेक्ट्रिक बस है। न्यूगो की बसें भोपाल में सांची मिल्क प्लांट के सामने आईएसबीटी से इंदौर, उज्जैन, देवास और अन्य जगहों के लिए रोजाना चलती है। इन बसों के टिकट बेहद  किफायती हैं। बस के टिकटों के दाम की शुरुआत मात्र 399 रुपये से शुरू होती है। टिकट आसानी से न्यूगो की वेबसाइट nuego.in या न्यूगो की ऐप से बुक किए जा सकते हैं।
न्यूगो बसें 100% ग्रीन है। ये एसी इलेक्ट्रिक बसें नवीनतम तकनीक और शून्य कार्बन उत्सर्जन जैसी विशेषताओं से लैस हैं। इन बसों में आप शांति से बिना किसी शोर-शराबे के यात्रा कर सकते हैं। ये बसें सुरक्षित तथा आरामदायक हैं। इन बसों में लाइव ट्रैकिंग, सीसीटीवी निगरानी, मोबाइल चार्जिंग पॉइंट, पैर रखने के लिए पर्याप्त जगह, रिक्लाइनिंग सीटें और भी कई सुविधाएं शामिल हैं।

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