बिलासपुर। केंद्र सरकार की नई योजना ने जिला प्रशासन की परेशानी बढ़ा दी है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को उपलब्ध कराए जाने वाले मकानों के मापदंड में जरूरी बदलाव कर दिया है। नए नियम के तहत अब दो कमरों की झोपड़ी में रहने वाले गरीबों को भी पक्का मकान दिया जाएगा। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिले में बीपीएल हितग्राहियों को आवास उपलब्ध कराने का काम किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने वर्ष 2011 के आर्थिक जनगणना के आधार पर बनाई गई सूची में शामिल लोगों को ही योजना का लाभ देने कहा गया है। इसमें भी एक कड़ी शर्त लगाई थी।
वर्ष 2011 की सर्वे सूची में शामिल उन हितग्राहियों को पीएम आवास योजना के तहत मकान उपलब्ध कराना है जो एक कमरे की झोपड़ी में रहते हैं। जिनके पास खुद की जमीन न हो । जिले में केंद्र के मापदंड पर खरा उतरने वालों की संख्या एक लाख 24 हजार है।प्रथम चरण में 50 हजार गरीबों को आवास उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था । यह भी पूरा नहीं हो पाया है। अभी भी 65 हजार बीपीएल हितग्राही पीएम आवास के कतार में शामिल हैं। पूर्व के लक्ष्य को जिला प्रशासन अभी पूरा नहीं कर पाया है और केंद्र सरकार ने एक और फरमान जारी कर दिया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री अस्र्ण जेटली में बजट में पीएम आवास योजना को शामिल करते हुए एक कमरे की झोपड़ी में रहने वाले गरीबों के अलावा दो कमरों की झोपड़ी में रहने वाले गरीबों को आवास उपलब्ध कराने की घोषणा की है। केंद्र के निर्देश पर गौर करें तो जिले में तकरीबन 70 हजार ऐसे गरीब हैं जो दो कमरों की झोपड़ी में निवास करते हैं। फर्जीवाड़ा की भी मिल रही शिकायत पीएम आवास योजना के तहत बनाए जा रहे मकानों में फर्जीवाड़ा की शिकायतें भी मिल रही हैं। पुराने मकानों को रंगरोगन कर पीएम आवास का बताकर राशि हड़पने से लेकर आवास मित्रों द्वारा हितग्राहियों से इकरारनामा में हस्ताक्षर करवाकर गुपचुप तरीके से बैंक अकाउंट से राशि निकालने की शिकायतें भी मिल रही है। गुणवत्ताविहीन काम के अलावा कागजों में आवास बनाकर राशि हड़पने का खेल भी चल रहा है।
लक्ष्य प्राप्ति में जिला साबित हो रहा फिसड्डी
केंद्र सरकार द्वारा कराए गए सर्वे रिपोर्ट में पीएम आवास योजना के लक्ष्य को प्राप्त करने के मामले में जिले की स्थिति बेहद खराब है। केंद्र के निर्देशानुसार अब दो कमरों की झोपड़ी में रहने वाले गरीबों को भी पीएम आवास योजना में शामिल कर लिया है। जिले में इनकी संख्या करीब 70 हजार है। प्रथम चरण में एक कमरे की झोपड़ी में रहने वाले गरीबों को आवास उपलब्ध कराया जाएगा। उसके बाद दो कमरों की झोपड़ी में रहने वाले गरीबों के लिए आवास बनाया जाएगा। – आनंद पांडेय, प्रोजेक्ट इंचार्ज,पीएम आवास योजना