हाईकोर्ट ने प्रभारी सीईओ को जारी किया अवमानना नोटिस

बिलासपुर। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के पूर्व सीईओ अभिषेक तिवारी ने वकील के माध्यम से हाईकोर्ट को जानकारी दी कि अब वे सीईओ के पद पर नहीं है। बैंक के प्रभारी सीईओ के रूप में विकास गुस्र्दीवान कामकाज संभाल रहे हैं। वकील की इस जानकारी के बाद डिवीजन बेंच ने घुटकू सहित 31 बचत बैंक घोटाला मामले में प्रभारी सीईओ को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब पेश करने कहा है। इसके लिए तीन सप्ताह की मोहलत दी है।

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर द्वारा बिलासपुर,मुंगेली,जांजगीर-चांपा व कोरबा में 32 समितियों में बचत बैंक का संचालन शुरू किया था। बचत बैंक प्रभारियों ने खातेधारक को राशि का भुगतान करने की जानकारी देकर बैंक से राशि निकालते चले गए।

खातेधारकों के बैंक अकाउंट में जमा राशि के एवज में समिति के अधिकारियों ने करीब 10 करोड़ स्र्पए का वारा-न्यारा कर दिया। खातेदार किसान जब भुगतान के लिए बचत बैंक पहुंचे तब पता चला कि बैंक के खजाने में फूटीकौड़ी नहीं है। किसानों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी थी। प्रारंभिक सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने बैंक प्रबंधन को खातेधारक किसानों को उनकी जमापूंजी वापस लौटाने का निर्देश जारी किया था। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद बैंक ने राज्य शासन की गारंटी पर अपेक्स बैंक से 10 करोड़ स्र्पए कर्ज लिया और खातेधारक किसानों के बैंक अकाउंट में राशि जमा करा दी।

इसी बीच चंदा बाई व अन्य खातेदारों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बैंक द्वारा अब तक राशि का भुगतान न करने की जानकारी दी । इस पर कोर्ट ने बैंक प्रबंधन को भुगतान करने का निर्देश दिया। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद भी जब भुगतान नहीं हुआ तो चंदा बाई व अन्य खातेदारों ने पूर्व सीईओ तिवारी के खिलाफ अवमानना याचिका दायर कर दी थी।

तिवारी द्वारा बीते पांच सुनवाई के दौरान वकील के माध्यम से जवाब पेश करने के लिए मोहलत मांगते रहे हैें। 16 फरवरी को सुनवाई के दौरान तिवारी ने अपने वकील के माध्यम से डिवीजन बेंच को जानकारी दी कि अब वे बैंक में सीईओ के पद पर काबिज नहीं है। प्रभारी सीईओ के पद पर विकास गुस्र्दीवान काम कर रहे हैं। तिवारी के इस जवाब के बाद डिवीजन बेंच ने गुस्र्दीवान को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए तीन सप्ताह की मोहलत दी है।

इसलिए हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच का जारी किया था फरमान

10 करोड़ स्र्पए के बचत बैंक घोटाले की भरपाई करने के लिए बैंक ने शासन की गारंटी पर अपेक्स बैंक से 10 करोड़ स्र्पए का कर्ज लिया था। बीते सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने बैंक प्रबंधन से पूछा अपेक्स बैंक से कर्ज लेकर 10 करोड़ स्र्पए किसानों को भुगतान कर दिया है। 10 करोड़ स्र्पए की गड़बड़ी किसने की,आखिर इतनी बड़ी राशि कहां गई । घोटाले पर से पर्दा उठाने डिवीजन बेंच ने सीबीआई जांच का निर्देश जारी किया था । कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई जांच चल रही है। रिपोर्ट आना बाकी है।

बैंक के सामने इस तरह की परेशानी

हाईकोर्ट के निर्देश पर खातेधारक किसानों को भुगतान करने से पहले बैंक ने सभी 32 बचत बैंकों की विशेष ऑडिट जांच कराई थी। ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर जिन खातेधारकों की सूची जारी की गई थी उनको भुगतान कर दिया गया है। बैंक के सामने परेशानी ये कि ऑडिट रिपोर्ट की सूची के बाद भी खातेधारक सामने आते जा रहे हैं और राशि का भुगतान न करने के संबंध में मामला दायर कर रहे हैं। शुक्रवार को डिवीजन बेंच ने बिंदा बाई व अन्य की अवमानना याचिका पर प्रभारी सीईओ को नोटिस जारी किया है।

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