49 साल पहले आज ही के दिन अमिताभ ने अपनी पहली फिल्म साइन की थी। 1969 में सदी के महानायक कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन अपने सपनों को पूरा करने मायानगरी आए और अपनी पहली फ़िल्म सात हिंदुस्तानी साइन की। बिग बी ने इसकी जानकारी ट्विटर के ज़रिए दी है। बिग बी लिखते हैं- ”49 साल पहले मैं सपनों की नगरी में आया था और अपनी पहली फ़िल्म… सात हिंदुस्तानी 15 फरवरी1969 को साइन की थी।” मगर, ये सब उतना आसान नहीं था। प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. हरिवंश राय बच्चन का बेटा होने के बावजूद अमिताभ को फ़िल्मी दुनिया में शुरुआत करने के लिए अपने हिस्से का संघर्ष करना पड़ा, जो The Amitabh Bachchan बनने से पहले अगले कई सालों तक जारी रहा।
अमिताभ को सात हिंदुस्तानी कैसे मिली, इसके पीछे भी दिलचस्प कहानी है, जिसे ख्वाज़ा अहमद अब्बास की एक किताब में विस्तार से दिया गया है। सात हिंदुस्तानी की कहानी गोवा मुक्ति आंदोलन से निकली थी, जिसके लिए अब्बास को सात एक्टर्स की ज़रूरत थी। फ़िल्मी दुनिया के रंगीन सपने देखने वाले अमिताभ को जब इस फ़िल्म के बारे में पता चला तो वो कोलकाता में अपनी 1600 रुपए महीने की नौकरी छोड़कर मुंबई आ गये थे। अब्बास ने अमिताभ को दो किरदारों की चॉइस दी थी- एक पंजाबी और दूसरा मुस्लिम। अमिताभ ने मुस्लिम किरदार अनवर अली चुना, क्योंकि इस किरदार में अभिनय की कई परतें थीं।
ख़ास बात ये है कि अमिताभ को सात हिंदुस्तानी मिली भी नहीं थी, मगर उन्होंने नौकरी से इस्तीफ़ा दे दिया था। जब अब्बास ने उनसे कहा कि अगर उन्हें ये फ़िल्म ना मिलती तो क्या होता। इस पर बिग बी ने कहा था कि कुछ जोख़िम तो उठाने पड़ते हैं। अमिताभ ने जिस अंदाज़ में ये बोला, वो अब्बास के दिल को छू गया। इस फ़िल्म के लिए अमिताभ को पांच हज़ार रूपए की पेशकश की गयी थी, जो उस वक़्त उनकी नौकरी से होने वाली आय के मुक़ाबले काफ़ी कम था। मगर, सात हिंदुस्तानी उनके लिए सिर्फ़ एक फ़िल्म नहीं थी, बल्कि अपने सपने को पूरा करने की तरफ़ पहला क़दम था।
ग़ौर करने वाली बात ये भी है कि ख्वाज़ा अहमद अब्बास अमिताभ के पिता डॉ. हरिवंश राय बच्चन को अच्छी तरह जानते थे, लेकिन अमिताभ ने इसका ज़िक्र तब तक नहीं किया, जब तक बताना ज़रूरी नहीं हो गया। पिता का नाम पता चलते ही अब्बास ने अमिताभ को साइन करने से पहले उनके पिता की अनुमति लेने का फ़ैसला किया और ख़ुद तार भेजकर पूछा कि क्या वो अमिताभ को फ़िल्म में कास्ट कर सकते हैं। हरिवंश राय बच्चन की स्वीकृति के बाद ही अमिताभ सात हिंदुस्तानी के लिए कांट्रेक्ट साइन कर सके। सात हिंदुस्तानी 1969 में ही 7 नवंबर को ही रिलीज़ हुई थी। कमर्शियली ये फ़िल्म नहीं चली, लेकिन सिनेमा को एक ऐसा सितारा दे दिया, जिसकी रोशनी आज भी कायम है।